गोरखपुर शहर में खुलेआम घूम रहे 30 कोरोना बम, ढूंढे नहीं मिल रहे

       गोरखपुर : शहर में कोरोना संक्रिमत 30 मरीज लापता हो गए हैं। इन लोगों को स्वास्थ्य विभाग खोजकर थक गया है। उनका मोबाइल नंबर व पता दोनों गलत है। उनका गायब होना विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है। ये लोग पूरे शहर में संक्रमण फैला रहे हैं। इनकी न कोई सूचना मिल पा रही है और न ही उनकी पहचान हो पा रही है। विभाग उनकी रिपोर्ट लेकर घूम रहा है। जुलाई में वैसे ही अचानक संक्रमितों की संख्या में तेजी से हो रहे इजाफा को लेकर विभाग परेशान है। अप्रैल, मई व जून मिलाकर कुल 361 संक्रमित हुए थे।
1667 संक्रिमतों में 1017 मरीज शहर के
केवल एक से 30 जुलाई के बीच 1667 मरीज मिल चुके हैं। इनमें 1017 मरीज शहर के हैं। विभाग को संक्रमण की रोकथाम के कारगर उपाय वैसे ही नहीं सूझ रहे हैं, ऐसे में लापता मरीजों ने विभाग की नींद उड़ा दी है। उन्हें स्वास्थ्य व पुलिस दोनों विभाग मिलकर खोज रहे हैं लेकिन कोई पता नहीं मिल रहा है। विभाग का मानना है कि इसमें कई प्रवासी भी शामिल हैं। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि कुछ लोगों ने अपने नाम-पते व मोबाइल नंबर गलत लिखवा दिए हैं। ऐसे में उन्हें ढूढऩा मुश्किल है। टीमें लगा दी गई हैं।
भगवान भरोसे छोड़ दिए गए कोरोना मरीज
बिना लक्षण वाले संक्रमितों को जबसे होम आइसोलेट होने की सुविधा मिली है, ज्यादातर लोगों ने घर पर रहना पसंद किया है। इनमें से अनेक लोगों के पास विभाग से फोन गया ही नहीं। कुछ लोगों के पास संबंधित थाने से फोन गया तो संक्रमितों ने बता दिया कि वे होम आइसोलेट हैं। लेकिन दूसरी जांच कहां कराएं, इसे लेकर वे परेशान हैं। कंट्रोल रूम में फोन करने पर भी उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि 10 दिन बाद वे सामान्य जीवन जी सकते हैं, दूसरी जांच कराने की आवश्यकता नहीं है।
सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा कि होम आइसोलेट मरीजों को दूसरी जांच कराने की जरूरत नहीं है। 10 दिन तक वे एक कमरे में आइसोलेट रहेंगे। इसके बाद सात दिन और घर में ही बिताएंगे। 10 दिन बाद वे घर के अन्य कमरों में जा सकते हैं लेकिन सात दिन तक घर से बाहर नहीं निकलेंगे। सभी होम आइसोलेट मरीजों को फोन कर यह बात बताई जा रही है। इसके अलावा यदि कोई संक्रमित बिना जांच कराए संतुष्ट नहीं होता है तो उसके लिए सभी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार व शुक्रवार को जांच कराने का दिन निर्धारित किया गया है। वे किसी भी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच करा सकते हैं।


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