जूनियर डॉक्टर की अपहरण कर हत्या के मामले में उरई का मेडिकल ऑफिसर गिरफ्तार

आगरा : एसएन मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विभाग की पीजी की छात्रा योगिता गौतम की हत्या कर दी गई। उसके शव को डौकी क्षेत्र के गांव बमरौली में सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। योगिता के सिर पर भारी बस्तु से प्रहार किया गया। बुधवार की सुबह उसका शव मिला। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव भेज दिया। शाम को शिनाख्त होने पर मृतका के भाई डॉक्टर मोहिंदर कुमार गौतम ने उरई में मेडिकल ऑफिसर डॉ. विवेक तिवारी के खिलाफ मुकदमा अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले थाना डौकी में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस टीम ने देर रात डॉ. विवेक तिवारी को हिरासत में लिया।
26 वर्षीय योग्यता गौतम पुत्री अंबेश गौतम दिल्ली के शिवपुरी कॉलोनी पार्ट 2 की रहने वाली थी। उन्होंने वर्ष 2009 में मुरादाबाद के तीर्थकर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया था। 3 साल पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी में एडमिशन लिया था वह नूरी गेट पर लेडी लॉयल अस्पताल के सामने राहुल गोयल के मकान में किराए पर रहती थी। उधर बुधवार सुबह तकरीबन 4:30 बजे डॉकी थाना क्षेत्र के गांव बमरौली में सुनसान रास्ते पर उनकी लाश मिली थी। पुलिस ने पहचान ना होने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।
इधर योग्यता के भाई डॉक्टर मोहिंदर कुमार गौतम बहन के लापता होने की जानकारी देनी थाना गेट आए थे। उधर फतेहाबाद पुलिस ने थानों से जानकारी कि इस पर सब योग्यता का होने के बारे में पता चला। परिजनों ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर शव की शिनाख्त कर ली। मोहिंदर कुमार गौतम ने पुलिस को बताया कि तीर्थकर मेडिकल कॉलेज में 1 साल सीनियर विवेक तिवारी से योग्यता की बातचीत होती थी। वह उरई में मेडिकल ऑफिसर है। वह काफी समय से योगिता को धमका रहा था। उस पर शादी का दबाव बना रहा था। योगिता ने उससे बात करना बंद कर दिया था। फोन भी ब्लॉक कर क रखा था। उसने धमकी दी थी इस बारे में योग्यता ने मां को बताया था इस पर मोहिंदर मां के साथ योगिता से मिलने आ रहे थे रात को कमरे पर पहुंचे तो योगिता नहीं मिली। विवेक तिवारी पर ही हत्या का आरोप लगाया है। देर रात पुलिस ने विवेक को हिरासत में ले लिया वह कानपुर के किदवई नगर का रहने वाला है। सीसीटीवी फुटेज में कार से जाति नजर आई योगिता
योगिता जिस घर में रहती थी उस में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं इसमें मंगलवार रात को वह सात बजकर बीस मिनट पर घर से निकलती दिख रही है। एक कार घर के सामने खड़ी है। कार की लाइट जलते हैं इसके बाद योगिता कार की तरफ जाती दिख रही है। पुलिस ने स्मार्ट सिटी के कैमरों की रिकॉर्डिंग चेक किए लेकिन कार नजर नहीं आई है।
जान बचाने को किया था संघर्ष
योगिता ने जान बचाने के लिए संघर्ष किया था उसके नाक हाथों पर नाखूनों के निशान हैं। हाथ में टूटे हुए बाल थे। नाखूनों में भी कुछ फंसा था। इससे आशंका है कि उसने बचने की कोशिश की थी लेकिन बच नहीं पाई। इसके बाद शव को बमरौली गांव के सुनसान इलाके में फेंक दिया गया। घटनास्थल पर संघर्ष के निशान नहीं थे। जिस जगह सब फेंका गया वहां आगे का रास्ता बंद था।


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