बसपा विधायक ने कृषि योग्य भूमि को बंधक रखकर लिया बैंक से ऋण

            गोरखपुर : चिल्लूपार विधानसभा से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। मैसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज को ऋण देने में नियम, मानक और कानून दरकिनार कर दिया गया। जिस भूमि की बाजार में कीमत कम है, उसे बंधक बनाकर 600 करोड़ का ऋण दे दिया गया। यह मामला भी सीबीआई निदेशक तक पहुंचा है। इस मामले में राष्ट्रीयकृत बैंकों के जिम्मेदारों पर भी गाज गिरनी तय है। 
बसपा सरकार में मंत्री रहे और अब भाजपा नेता राजेश त्रिपाठी ने 13 जुलाई 2020 को सीबीआई निदेशक को पत्र भेजा था। भाजपा नेता के मुताबिक बैंक ऑफ इंडिया की महानगर शाखा से गोरखपुर की संपत्ति पर ऋण दिया गया है। राजेश त्रिपाठी ने बताया कि मैसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज का पंजीकृत कार्यालय मकान नंबर बी-153 सेक्टर एक महानगर लखनऊ है। इसके निदेशक विनय शंकर तिवारी हैं। इस फर्म ने 300 करोड़ रुपये की ओवर ड्राफ्ट लिमिट व 300 करोड़ की बैंक गारंटी दी थी। व्यावसायिक ऋण के लिए कृषि योग्य भूमि बंधक रखी गई, जो गोरखपुर शहर से काफी दूर है। इस जमीन का भौतिक सत्यापन या मूल्यांकन नहीं किया गया। इसी का नतीजा रहा कि खाता क्रमांक 680430110000006 वर्ष 2014 में एनपीए घोषित कर दिया गया।
बैंक खाता एनपीए हो गया, फिर भी बैंक अफसर नहीं चेते। बैंक खाते की प्रकृति को बदलकर कंपनी व उनके मालिकों को लाभ पहुंचाने का सिलसिला जारी रहा। कंपनी के मालिकों को व्यक्तिगत ऋण दिया गया। इस प्रक्रिया में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की नियमावली का अनुपालन नहीं किया गया। सिबिल स्कोर की भी अनदेखी की गई। भाजपा नेता के मुताबिक ऋण के एवज में जिन निजी संपत्तियों को बंधक बनाया गया, उससे संबंधित दस्तावेजों पर ज्यादातर हस्ताक्षर फर्जी हैं। कूटरचित दस्तावेज भी लगाए गए हैं। बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की ही एक दूसरी कंपनी मैसर्स कंदर्प कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी ऋण देकर भी बैंकों को नुकसान पहुंचाया गया है।


न राजनीति से प्रेरित, न जाति से, पूरा मामला फ्राड का
       चिल्लूपार से पूर्व मंत्री व भाजपा नेता राजेश त्रिपाठी ने बताया कि गंगोत्री एंटरप्राईजेज सहित अनेक फर्जी कंपनियों पर सीबीआई की छापेमारी बैंक ऋण की वसूली मात्र नहीं है। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला है। जांच होगी तो सब सामने आ जाएगा। इस मामले की शिकायत 2017 से 2020 के बीच कई बार सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा, आरबीआई, केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय वित्त मंत्रालय व बैंकिंग लोकपाल से की थी। रसूख की वजह से सब बचते चले आए। अब सीबीआई की छापेमारी हुई और मुकदमा दर्ज हुआ है। यह प्रकरण न तो राजनीति से प्रेरित है न ही कहीं से जातीय एंगल। यह सौ फीसदी देश की जनता की गाढ़ी कमाई डकारने का मामला है।
बसपा विधायक पर झूठा शपथ पत्र देने का आरोप
चिल्लूपार से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके राजेश त्रिपाठी ने बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी पर झूठा शपथपत्र देने का आरोप भी लगाया है। सीबीआई निदेशक को भेजे गए पत्र में भाजपा नेता ने कहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान मैसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज के निदेशक विनय शंकर तिवारी ने खुद व कंपनी किसी तरह की ऋण अदायगी से इनकार किया है। इसका शपथ पत्र भी दाखिल है। शपथ पत्र की प्रति भी सीबीआई निदेशक को भेजी गई है।


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