जेल में छठ,पति और बेटे की हत्‍या में सजायाफ्ता समेत 20 महिलाएं हैं व्रत

डॉ0 एस0 चंद्रा


 गोरखपुर : मंडलीय कारागार में सूर्य उपासना का पर्व मनाने की तैयारियां शुरू हो गई है। महिला बंदियों ने छठ पूजा के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पूजा के लिए व्रती महिलाओं को जेल प्रशासन की ओर से प्रसाद के लिए फल आदि संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। छठ मईया की आराधना के लिए पति व बेटे की हत्या में आजीवन कारावास की सजा पा चुकी शाहपुर की अर्चना यादव समेत बीस महिला बंदियों ने जेल प्रशासन से वेदी बनाने का आवेदन दिया है।

महिला बंदियों की आस्था को देखते हुए जेल अधिकारी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लग गए हैं। महिला बैरक में ही गड्ढा खुदवाकर अस्ताचलगामी व उगते सूर्य को अर्घ्य दिलवाया जाएगा। वर्तमान समय में जेल में करीब 95 महिला बंदी निरूद्ध हैं। जिसमें से आवेदन करने वाली करीब बीस महिला बंदियों में अर्चना समेत कई महिलाएं वर्ष 2017 से ही व्रत रह रही हैं। मधुमिता हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पा चुके पूर्व मंत्री अमरमणि की पत्नी मधुमणि भी वर्ष 2018 में जेल में छठ का व्रत मना चुकी हैं। लेकिन इस बार पति व पत्नी हास्पीटल में हैं। वह हास्पीटल से ही अपना व्रत जारी रख सकती हैं।

शाहपुर क्षेत्र के बशारतपुर, अशोक नगर मोहल्ला निवासी अर्चना ने 19 जनवरी 2016 को अपने प्रेमी फिरोजाबाद निवासी अजय यादव के साथ मिलकर पति ओमप्रकाश व बेटे नितिन की हत्या कर दी थी। जेल में रहने के दौरान अर्चना वर्ष 2017 से ही छठ का व्रत रह रही है। एक माह पहले ही अर्चना व उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा मिली है। इस बार भी वह छठ का व्रत रह रही है। उसके साथ ही हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य गंभीर अपराधों में जेल में बंद 19 महिला बंदी भी छठ का व्रत हैं। इन बीस महिला बंदियों का व्रत बुधवार को नहाय खाय से शुरू हो गया है।

जेल सूत्रों के अनुसार इस बार व्रत रहने वाली महिला बंदियों में अर्चना के अलावा,नीतू, तारा, कौशिल्या, आशा, राजी, सिरजावती, सपना, सुनीता, रानी, माया, गिरजावती, बिन्नी, नीता, पुष्पा, सुनीता, तेतरी, अमरावती, सुभावती, सरोज शामिल हैं। हालांकि जेल प्रशासन इन महिलाओं के नाम के बारे में स्पष्ठता से नहीं बोल रहा है।  इस संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने बताया कि करीब बीस महिला बंदियों ने छठ का व्रत रहने का आवेदन किया है। उन्हें अपना त्योहार पूरी स्वतंत्रता से मनाने का हक है। लिहाजा सारी व्यवस्था कराई जा रही है।

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