सरकार ना तो खुद काम करना चाहती और ना विधायकों को काम करने देती है

रोहतक, 09 फरवरी श्री हुड्डा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-जननायक जनता पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार के सौ दिन के रिपोर्ट कार्ड पर प्रतिक्रिया । उन्होंने कहा कि भाजपा को सौ नहीं बल्कि 1925 दिनों का हिसाब जनता के सामने रखना चाहिए क्योंकि उसकी सरकार को 5 साल सौ दिन से अधिक का वक़्त हो चुका है।
श्री हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार बनने के बाद 15-20 दिन तो विभागों के बंटवारे में लग गए। फिर सीआईडी को लेकर गृह मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर में झगड़े होते रहे, उसके बाद पूरी सरकार दिल्ली चुनाव में लग गई, अब प्री बजट चर्चाएं करवाई जा रही हैं, जबकि इकॉनोमिक सर्वे अबतक जारी नहीं किया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 100 दिन वाला रिपोर्ट कार्ड सिर्फ झूठ का पुलिंदा है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, “सरकार ना तो खुद काम करना चाहती और ना विधायकों को काम करने देती है क्योंकि विधायकों को मिलने वाली 5 करोड़ की ग्रांट के लिए कोई गाइडलाइंस नहीं बनाई गई हैं। बिना गाइडलाइंस के हम इन्हें जनहित में ख़र्च नहीं कर पा रहे हैं।“
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश पर बेइंतिहा कर्ज बढ़ा है और आज हरियाणा के हर नागरिक पर 72 हजार रुपये से ज्यादा का कर्ज है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय, विकास दर, ग्रामीण उपभोग सब गिरे हैं। बेरोजगारी बढ़ी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने रोजगार में 75 फीसदी कोटे को भी जुमला बताया। उन्होंने कहा कि पहले से लागू नियमों को ही दोहराया जा रहा है। सिर्फ अनस्किल्ड युवाओं के लिए 75 फीसदी आरक्षण देना स्वीकार्य नहीं है। चपरासी स्तर की नौकरियों में ही हरियाणा के पढ़े-लिखे युवाओं को जगह दी जा रही है इसलिए जिन युवाओं को स्कूलों में टीचर बनना था, वो आज चपरासी की नौकरी कर रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार का बोलबाला इस कदर है कि पिछले कुछ सालों में माइनिंग से लेकर किलोमीटर स्कीम, भर्तियों से लेकर पेपर लीक, दवाइयों से लेकर स्कॉलरशिप तक के घोटालों को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने आते ही किसानों के साथ हजारों करोड़ का धान घोटाला किया। उन्होंने कहा कि खुद अधिकारियों की जांच बता रही है कि घोटाला हुआ है, 90 करोड़ की धांधली पकड़ी गई है। बावजूद इसके महकमे के मंत्री कह रहे हैं कि घोटाला तो हुआ ही नहीं। इसलिए उनकी मांग है कि सीबीआई या किसी मौैजूदा न्यायाधीश से इसकी जांच होनी चाहिए।
उन्होंने आरटीआई के हवाले से कहा कि हरियाणा में प्रति एकड़ 75.80 क्विंटल की पैदावार दिखाई गई है जबकि प्रदेश में 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ धान की पैदावार ही होती है। उन्होंने मांग की कि सरकार बताए कि 3 गुणा धान कहां से आई और कहां गई?


टिप्पणियाँ