सीएम योगी ने विकास की खातिर तुड़वा दी गोरखनाथ मंदिर की दुकानें

गोरखपुर : मोहद्दीपुर से जंगल कौड़िया तक करीब 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन के निर्माण में आड़े आ रहीं गोरखनाथ मंदिर परिसर से सटी करीब 100 दुकानों को तीन दिन में ध्वस्त कर दिया गया है। दुकानें तोड़ने का क्रम जारी है। मंदिर की करीब दो सौ दुकानें तोड़ी जाएंगी। मंदिर की दुकानें तोड़ने की हरी झंडी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी है।
फोरलेन के निर्माण के दौरान गोरखनाथ मंदिर परिसर की इन दुकानों को तोड़ने के लिए दुकानदारों को कई बार कहा गया, लेकिन उन्होंने बार-बार मोहलत मांग ली। दुकानदारों को पहले खिचड़ी तक की मोहलत दी गई और फिर शिवरात्रि और होली तक। लेकिन, दुकानदारों ने इसके बाद भी अपनी दुकानों को नहीं हटाया।
जब लॉकडाउन के बाद फोरलेन का निर्माण शुरू होने के बावजूद उन्होंने दुकानों को खुद नहीं तोड़ा तो राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण प्राधिकरण ने इन दुकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। फोरलेन के निर्माण के जद में गोरखनाथ मंदिर की करीब 200 दुकानों के अलावा निजी लोगों की भी कुछ दुकानें हैं। सोमवार से इन दुकानों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू कर दिया गया। बुधवार तक लगभग 100 दुकानें ध्वस्त कर दी गईं।




एनएच परियोजना प्रबंधक एमके अग्रवाल ने कहा कि नाली निर्माण का कार्य शुरू कराने के साथ दुकानदारों से दुकानें खाली करने को कह दिया था। बावजूद इसके दुकानें खाली नहीं हो रही थी। दुकानदार फिर से उसके लिए मोहलत मांग रहे थे, लेकिन उन्हें मोहलत नहीं दी गई और दुकानों के ध्वस्तीकरण का काम शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिनकी दुकानें बची हुई हैं, वो जल्द से जल्द से उसे खाली कर दें। शासन की तरफ से उनका मुआवजा भी तय कर दिया गया है, जल्द ही उनका भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
गोरखपुर वासियों को गोरखनाथ मंदिर के आसपास घंटों जाम से जूझना पड़ता था। सड़कों पर दुकानदारों का कब्जा रहता था। ऐसे में दुकानों के हटने से लोगों को विकास के साथ-साथ जाम से भी पीछा छूटेगा। 
गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि गोरखनाथ मंदिर की 200 से अधिक दुकानें तोड़ी जा रही हैं। इन सभी दुकानदारों को नई दुकान और मकान बना कर दिए जाएंगे। इसके लिए सब्जी मंडी में पांच मंजिला भवन तैयार हो रहा है, जिसमें दुकानों का निर्माण होगा। इन दुकानों को प्रभावित दुकानदारों को दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मंदिर क्षेत्र के आसपास की जितनी भी दुकानें टूटी हैं वह काफी पुरानी थी और उसके पास अब भी काफी जगह बची हुई है, वहां दुकान बनाकर दी जाएगी। जिनके मकान टूटे हैं, उन्हें मकान भी दिया जाएगा। इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन छह महीने के अंदर दुकानें और अधिकतम एक साल के अंदर मकान बनाकर दे दिए जाएंगे।



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