आईसीएमआर ने गोरखपुर के तीन निजी लैबों की कोरोना जांच पर लगाई रोक

 गोरखपुर : शहर के जिन तीन निजी लैबों को ट्रूनेट मशीन से कोरोना जांच की अनुमति मिली थी, उस पर आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने रोक लगा दी है। आईसीएमआर के निर्देश पर शासन की ओर से इन तीन निजी लैबों को तत्काल प्रभाव से जांच रोकने के निर्देश दिए गए है।
बताया जाता है कि आईसीएमआर ने जांच की अनुमति नहीं दी थी। बिना आईसीएमआर की अनुमति के ही यह लैब जांच कर रहे थे। सीएमओ ने शुक्रवार को ही तीनों लैबों को जांच करने से मना कर दिया है। अग्रिम आदेश तक तीनों लैब जांच नहीं कर सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक शहर के तिलक पैथालॉजी को 21 जून को, गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय, लाइफ डायग्नोस्टिक सेंटर को 22 जून को जांच की कोरोना जांच की अनुमति दी गई थी। इन तीनों लैबों में ट्रूनेट मशीन से जांच की सुविधा दी गई थी।
इसके लिए बकायदा 2500 रुपये शुल्क निर्धारित किए गए थे। अनुमति मिलने के बाद तीनों लैब जांच भी करते हुए इसकी रिपोर्ट शासन के पोर्टल पर अपलोड कर रहे थे। लेकिन इसकी जानकारी आईसीएमआर को नहीं दी गई थी। बताया जाता है कि आईसीएमआर ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद शासन को निर्देश दिया कि तत्काल प्रभाव से जांच रोकी जाए। इसके बाद शासन ने तीनों लैबों के जांच पर रोक लगा दी है।
आईसीएमआर को नहीं दी गई थी जानकारी
बताया जाता है कि शासन की ओर से इन लैबों को कोरोना जांच की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसकी जानकारी आईसीएमआर को नहीं दी गई थी। जबकि पूरे देश में आईसीएमआर की अनुमति पर ही कोरोना की जांच निजी लैब कर रहे हैं। अनुमति से पहले आईसीएमआर की वेबसाइट पर लैब के सभी डिटेल भेजने होते हैं। इसके बाद आईसीएमआर एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड देता है, जिस पर मरीजों की पूरी जानकारी शेयर करनी होती है।
सीएमओ डॉ श्रीकांत तिवारी ने कहा कि शासन की ओर से तीनों लैबों को अनुमति मिली थी। लेकिन आईसीएमआर ने अनुमति नहीं दी थी। इसकी वजह से आईसीएमआर ने इस पर आपत्ति जताई है। इस पर शासन ने तीनों लैबों पर कोरोना जांच पर रोक लगा दी है। यह रोक अग्रिम आदेश तक लगाई गई है।


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