कर्ज से परेशान प्रॉपर्टी डीलर ने ट्रेन के आगे कूद कर दे दी जान


       गोरखपुर : कैंट इलाके के दिव्य नगर कालोनी निवासी 45 वर्षीय प्रापर्टी डीलर विजय कुमार राय ने गुरुवार की सुबह 9.30 बजे नन्दानगर अंडर पास के पास खुदकुशी कर ली। उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। सूचना पर पहुंचे जीआरपी के दरोगा राजनारायण यादव ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जीआरपी को अंडरपास के पास ही प्रापर्टी डीलर की बाइक भी खड़ी मिली है। जिसे कब्जे में ले लिया है। पत्नी के मुताबिक विजय कुमार लाखों रुपये के कर्ज में थे। कर्ज के चलते ही वह अवसाद में चल रहे थे। दो साल से उनका इलाज भी चल रहा था।
मूल रूप से मऊ के जमालपुर निवासी विजय कुमार राय पिछले पांच वर्षों से अपनी पत्नी अन्नू राय और बेटे रमन के साथ कैंट के रानीडीहा स्थित दिव्य नगर कालोनी में किराये पर रहते थे। वे प्रापर्टी का काम करते थे। बैंक रोड स्थित सुनन्दा टावर में उनकी सृष्टि इंफ्रासिटी नाम से आफिस है। उनके साथ एक पार्टनर हर्षित मिश्रा भी थे। पत्नी के मुताबिक गुरुवार की सुबह 8.30 बजे विजय बाइक से घर से निकले थे। करीब एक घण्टे बाद उनके ट्रेन से कटकर ख़ुदकुशी करने की सूचना आई।
बाइक खड़ी कर रेलवे ट्रैक के पास गए और ट्रेन के कूद गए
नन्दानगर अंदरपास के पास ड्यूटी कर रहे गार्ड और कुछ और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह 9.30 बजे विजय राय आए। अंडरपास के पास बाइक खड़ी की और रेलवे ट्रैक के किनारे इधर-उधर टहलने लगे। जैसे ही अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन बिहार की तरफ से गोरखपुर आ रही थी वे अचानक ट्रेन के आगे कूद गए। उनका शरीर सीने के पास से दो हिस्से में बंट गया। गार्ड ने इसकी सूचना तत्काल जीआरपी को दी। सूचना पर पहुंची जीआरपी ने शव को अपने कब्जे में लिया। पहचान होने के बाद उनकी पत्नी को खबर दी गई। हालांकि अभी तक मामले में कोई तहरीर नही पड़ी है।
जमीन के कारोबार में कर्ज में डूबे थे विजय
विजय राय की पत्नी अनु ने बताया कि उनके ऊपर लाखों रुपये का कर्ज हो गया था। बेलीपार के बाघागाड़ा में विजय ने काश्तकार से कुछ एडवांस देकर जमीन ली थी। उस जमीन को बेचने के लिए कई ग्राहकों से एडवांस के तौर पर रुपये लिए थे। इस बीच लाक डाउन हो गया। कारोबार बन्द हो गया। लॉकडाउन में हमलोग गाँव चले गए। 15 दिन पूर्व ही हम सभी लोग गांव से लौटे हैं। जैसे ही लौटने की खबर हुई काश्तकार जमीन का बकाया पैसा तो ग्राहक अपना एडवांस रकम वापस मांगने लगे। दोनों तरफ से देनदारी इतनी बढ़ गई थी कि वे परेशान थे। बुधवार की रात को विजय ने पत्नी से कहा थी कि कर्ज की वजह से मैं बहुत परेशान हूं। कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। पत्नी को यह नहीं पता था कि विजय कोई रास्ता न सूझने पर आत्महत्या का रास्ता ही अपनाएंगे।


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