गोरखपुर के चार मेडिकल छात्रों के लिए फरिश्ता बने अभिनेता सोनू सूद

       गोरखपुर : किर्गिस्तान में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में पढ़ाई करने वाले 150 छात्रों के लिए अभिनेता सोनू सूद फरिश्ता बन गए। कोरोना महामारी में ये छात्र हिन्दुस्तान से मीलों दूर फंसे हुये थे। कहीं भी इनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। जब किसी ने नहीं सुनी तो अभिनेता सोनू सूद तक टि्वटर के माध्यम से इन बेबस छात्रों की आवाज पहुंची।
सोनू सूद ने मेडिकल के इन होनहारों के लिए चार्टर्ड फ्लाइट की व्यवस्था कर अपने वतन वापस बुला लिया। इन 150 मेडिकल छात्रों में गोरखपुर के तीन और कुशीनगर का एक छात्र भी शामिल हैं। अब ये चारों छात्र सोनू सूद को दुआएं देते नहीं थक रहे हैं। किर्गिस्तान में मेडिकल की तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे गोरखपुर के गोला क्षेत्र के रहने वाले छात्र नीतेश जासवाल ने कहा कि कोरोना संकट की घड़ी में हमारे इंस्टीट्यूट में सिर्फ भारतीय छात्र ही फंसे हुये थे। अन्य मुल्कों के छात्र वापस जा चुके थे। जनवरी में मैं बहन की शादी में शामिल होने गोरखपुर आया था। फरवरी में वापस गया और उसके बाद से ही कोरोना संकट में फंस गया। वहां लगातार बढ़ते कोरोना के केस देखकर भयभीत था। घर आना चाहता था लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी। जब कहीं भी रास्ता नहीं मिला और लगातार देख रहा था कि अभिनेता सोनू सूद लॉकडाउन में फंसे लोगों को घर पहुंचाने की मुहीम चला रहे हैं तो दस दिन पूर्व ट्विटर पर किर्गिस्तान में फंसे छात्रों की समस्या बताई। अगले ही दिन सोनू सूद की टीम से हमारे पास फोन आ गया और ढांढस बंधाते हुये कहा गया कि आप लोग परेशान न हों। जल्द अपने-अपने घर पहुंचेंगे।
सोनू सूद के इस आश्वासन के कुछ दिन बाद ही हमारे पास कॉल आई कि चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था करा दी गई है। गुरुवार शाम 5 बजे हमारी फ्लाइट किर्गिस्तान से वाराणसी के लिए चल दी। 10.15 हम अपने वतन में थे।
रुस्तमपुर के विश्वजीत बोले- थैंक्यू सोनू सूद
इस चार्टर्ड फ्लाइट से गोरखपुर के रुस्तमपुर निवासी विश्वजीत यादव भी अपने वतन हिन्दुस्तान लौट आये हैं। ये भी मेडिकल के द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। विश्वजीत ने कहा कि अभी सिर्फ इतना कह सकता हूं कि थैंक्यू सोनू सूद। उन्होंने कहा कि हमारे इस मुश्किल दौर में सोशल मीडिया हमारे काम आया। इसकी वजह से हम अपनी बात सोनू सूद तक पहुंचा पाए और सोनू सूद ने भी तत्परता दिखाते हुये हमारी समस्या को समझा और हमे अपने मुल्क वापस बुला लिया। अब इंतजार सुबह अपने परिवार के चेहरे पर खुशी देखने का है। विश्वजीत और नीतेश के साथ ही गोरखपुर के गोविन्द गुप्ता और कुशीनगर के दिनेश कुशवाहा भी चार्टर्ड प्लेन से वापस घर आये हैं।


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