पैरासिटामॉल के ज्यादा सेवन से लिवर, किडनी खराब होने का खतरा -  डॉ शशिकांत

 


बुखार या दर्द होने पर पैरासिटामॉल का सेवन  सभी लोग करते हैं  लेकिन पैरासिटामॉल के ओवरडोज के कारण आपका लिवर किडनी खराब हो सकता है।


बुखार और दर्द से राहत दिलाने के लिए पैरासिटामॉल एक मशहूर दवा है। आप या आपके आसपास ऐसे लोग जरूर होंगे, जो बुखार और दर्द में बिना किसी डॉक्टर की सलाह लिए पैरासिटामॉल लेकर खा लेते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि पैरासिटामॉल के ज्यादा इस्तेमाल से आपका लिवर किडनी खराब हो सकता है। जी हां, हेल्थ प्रोडक्ट्स की सुरक्षा से जुड़ी फ्रेंच एजेंसी ANSM ने हाल में घोषणा की है ।


200 से ज्यादा दवाओं में पैरासिटामॉल का इस्तेमाल


 पैरासिटामॉल के इस्तेमाल वाली 200 से ज्यादा दवाएं बाजार में मौजूद हैं। इन दवाओं को लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के मेडिकल स्टोर से लेकर खा लेते हैं। जिन लोगों को अक्सर दर्द या बुखार रहता है, वो धीरे-धीरे इस दवा के आदी हो जाते हैं। लंबे समय तक इस दवा के इस्तेमाल से कई तरह के खतरे हो सकते हैं। पैरासिटामॉल आपके लिवर किडनी को पूरी तरह खराब कर सकता है, जो कई बार जानलेवा हो सकता है।


दर्द और बुखार के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली दवा


पैरासिटामॉल भारत ही नहीं, दुनियाभर में दर्दनिवारक (anti-pain) और बुखार ठीक करने वाली (anti-fever) दवा के रूप में इस्तेमाल की जाती है। डॉक्टर्स भी पैरासिटामॉल अपने प्रेस्क्रिप्शन में खूब लिखते हैं। वयस्कों के साथ बच्चों को भी ये दवा खूब दी जाती है। छोटे बच्चों के लिए पैरासिटामॉल का ज्यादा इस्तेमाल और ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि उनके अंग पूरी तरह विकसित नहीं होते हैं।


 ओवरडोज होने पर होता है क्या हो  सकता है खतरा 


 पेरासिटामोल  सुरक्षित तो है पर इसके ज्यादा इस्तेमाल के शरीर के कुछ अंदरूनी अंगों पर बुरे प्रभाव दिख सकते हैं। लोग आजकल बुखार आने और दर्द होने पर बिना सोचे-समझे पैरासिटामॉल का सेवन कर लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि ड्रग्स के कारण होने वाले लिवर ट्रांस्प्लांट के ज्यादातर मामलों में पैरासिटामॉल को इसका कारण पाया गया है।


कितने पैरासिटामॉल को ओवरडोज माना जाए


ANSM की रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप रोजाना 4 ग्राम से ज्यादा पैरासिटामॉल का इस्तेमाल करते हैं, तो आपका लिवर किडनी 24 से 48 घंटे के भीतर ही डैमेज हो सकता है। लिवर किडनी डैमेज होना बहुत खतरनाक स्थिति होती है। ज्यादा गंभीर स्थिति में लिवर किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।


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                                                                                                                                         डॉ शशिकांत 
           


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