दिन दहाड़े आटो एजेंसी में घुसकर संचालक को गोली मारी

 गोरखपुर : गीडा क्षेत्र के एकला चौराहा स्थित यादव मोटर्स आटो एजेंसी में शुक्रवार की सुबह घुसकर बदमाशों ने एजेंसी संचालक को गोली मार दी। गोली संचालक सूर्य प्रताप यादव उर्फ बबलू के हाथ के पंजे में लगी। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गए। घायल संचालक को परिवार के लोगों ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। वारदात की वजह भूमि विवाद बताई जा रही है। पुलिस ने एक नामजद समेत पांच के खिलाफ हत्या की कोशिश, बलवा और धमकी देने का केस दर्ज किया है।
आटो की सात एजेंसियां हैं बबलू के पास
गगहा के परिहस्ती गांव निवासी सूर्य प्रताप यादव उर्फ बबलू की ऑटो की सात एजेंसियां हैं। यादव मोटर्स के नाम से एक एजेंसी गोरखपुर-वाराणसी हाईवे पर एकला चौराहा के पास है। अन्य छह एजेंसी में दो सहजनवां, एक दोहरीघाट, एक बड़हलगंज और एक कौड़ीराम में है। टीपी नगर में किराये पर कमरा लेकर सूर्यप्रताप रहते हैं और यही से एकला चौराहा वाले एजेंसी पर आते हैं। बांसगांव का रहने वाला रमन यादव उनकी एजेंसी पर काम करता है।
भूमि विवाद में हुई वारदात, एक नामजद समेत पांच पर केस
शुक्रवार की सुबह 11 बजे सूर्यप्रताप एजेंसी पर बैठे थे। आरोप है कि इसी बीच सिकरीगंज के परी गांव निवासी अरुण यादव अपने तीन अन्य साथियों के साथ दो बाइक से आया और एजेंसी के अंदर घुसकर सूर्य प्रताप से बातचीत कर रहे थे। कहासुनी होने पर अरुण ने तमंचा से सूर्य प्रताप पर गोली चला दी। हाथ से तमंचा पकडऩे की कोशिश में गोली पंजे में लगी है। गोली मारने के बाद अरुण भाग गया। जबकि उसके तीन अन्य साथी ही अपनी बाइक पर बैठाकर सूर्य प्रताप को मेडिकल कालेज ले गए। घटना की सूचना मिलने पर सीओ कैंपियरगंज दिनेश सिंह, गीडा थानेदार देवेंद्र सिंह के साथ एजेंसी पर पहुंच गए। पूछताछ के बाद दोनों अधिकारियों ने मेडिकल कालेज पहुंच कर एजेंसी संचालक से बात की। सीओ कैम्पियरगंज ने बताया कि सूर्यप्रताप की तहरीर पर अरुण यादव और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश, बलवा और धमकी देने का केस दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश कर रही है। जांच में जमीनी रंजिश में वारदात होने की बात सामने आयी है।
दो माह पहले दूसरे पक्ष ने दर्ज कराया था मुकदमा
गगहा के परिहस्ती गांव निवासी सूर्य प्रताप उर्फ बबलू यादव तथा सिकरीगंज के परी गांव निवासी अरुण यादव  के बीच काफी दिनों से जमीन का विवाद चल रहा था। सीओ कैंपियरगंज दिनेश ङ्क्षसह ने बताया कि दो पहले अरुण पक्ष के लोगों ने सूर्यप्रताप के घरवालों पर जान से मारने की कोशिश करने का केस दर्ज कराया था। दो आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोप है कि इसी विवाद में अरुण यादव ने वारदात को अंजाम दिया है।


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