लाइनमैन के लिए जानलेवा साबित हुुुई एसएसओ लापरवाही, कर्मचारी बोले- 'ली जा रही बलि'

गोरखपुर : राप्तीनगर बिजली घर के एसएसओ की लापरवाही ने प्राइवेट लाइनमैन शुक्रवार को हाईटेंशन लाइन की जद में आकर जान गंवा बैठा। बिजली निगम के ठेकेदार के कर्मचारी राप्तीनगर फेज तीन में नई लाइन बनाने गए। संविदा कर्मचारी ने फोन पर एसएसओ से राप्तीनगर फेेज तीन का शटडाउन मांगा। एसएसओ ने लापरवाही में राप्तीनगर फेज वन फीडर पर शटडाउन दिया। इसके बाद प्राइवेट कर्मचारी ने जैसे ही 11 केवी लाइन के खम्भे पर चढ़कर जम्पर खोलने की कोशिश की। उसका हाथ जलने लगा। करंट  के झटके से वह नीचे गिर पड़ा। उसका पेट फट गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। नगरीय अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा ने प्रकरण की जांच के निर्देश दिए है।
नगरीय वितरण मण्डल के खण्ड चतुर्थ राप्तीनगर के आनंद विहार मोहल्ले में आंबेडकर स्कूल के पास बिजली निगम नई लाइन एक ठेकेदार के माध्यम से बनवा रहा है। शुक्रवार को ठेकेदार मनीष मिश्र के कर्मचारी राप्तीनगर फेज तीन स्थित आनंद विहार मोहल्लें में पहुंचे। उनके साथ बिजली निगम का एक संविदा लाइनमैन भी था। काम शुरू करने से पहले संविदा कर्मी ने राप्तीनगर उपकेंद्र के एसएसओ को फोन कर शटडाउन देने को कहा। एसएसओ ने फेज तीन की जगह फेज एक पर शटडाउन दे दिया। शटडाउन की जानकारी मिलने के बाद संविदा लाइनमैन ने काम शुरू करने को कहा। इसके बाद खोराबार थाना क्षेत्र के कुसुम्ही क्षेत्र के  कुरमौल केवटाना टोले का  शिवचरन (45 वर्ष) पोल पर चढ़ गया। जैसे ही उसने 11 हजार की लाइन पर हाथ रखा, तेज धमाके के साथ वह पोल से नीचे गिर गया। उसका पेट पट गया। मौके पर मौजूद अन्य सभी कर्मचारी व ठेकेदार भाग खड़े हुए। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र के पार्षद ब्रिजेश सिंह उर्फ छोटू सिंह को जानकारी दी। वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पार्षद ने ठेकेदार को भी फोन करके मौके पर बुलाया। लेकिन वे मौके पर नहीं पहुंचे। पुलिस ने लाश का पंचमाना तैयार कराकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।  जानकारी मिलने पर मृतक के परिवारीजन भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने शाहपुर थाने में बिजली निगम व ठेकेदार के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज  करने की मांग की।
कर्मचारियों में बिजली निगम व ठेकेदार के खिलाफ आक्रोश
मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि राप्तीनगर उपकेन्द्र के एसएसओ की लापरवाही की वजह से घटना हुई है। शिवचरण के   परिवार की जिंदगी एक छोटी सी गलती के वजह से बर्बाद हो गया। इस तरह की लापरवाही कब तक होती रहेगी। इसमें सर्वाधिक पीड़ित संविदा या प्राइवेट कर्मचारी ही होते है। कर्मचारी के बच्चों की परवरिश  कौन करेगा ऐसे तमाम शिवचरण जैसे संविदा कर्मचारी बिजली खम्भे पर चढ़कर कार्य करते समय बिजली आपूर्ति आने से कुर्बानी दे चुके है। घटना के बाद बिजली निगम अपना पल्ला झाड़ लेता है। दूसरी तरफ ठेकेदार भी पल्ला झाड़ लेता है। 
फोन से शटडाउन न लेने का है आदेश
ऊर्जा निगम के तत्कालीन चेयरमैन आलोक कुमार ने किसी भी हाल में फोन पर शटडाउन न देने के निर्देश दिए थे। उनका कहना था कि फोन पर शटडाउन देने से कभी-कभी बड़ा हादसा हो जाता है। इसके बाद भी बिजलीकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं। फोन पर ही शटडाउन लेते हैं।


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