गर्भवती की हुई गोदभराई, बच्चे को मिला पूरक आहार, पोषण माह (07 सितंबर से 02 अक्टूबर तक)

गोरखपुर, 18 सितंबर 2020


कोविड-19 की चुनौतियों के बीच शहर के झरना टोला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर शुक्रवार को गोदभराई दिवस और अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सीमित संख्या में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रतिभागी शामिल हुए। झरना टोला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. शालिनी की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन में दो गर्भवतियों की गोदभराई हुई और दो बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार करते हुए उन्हें पूरक आहार दिया गया। आयोजन के दौरान प्रतिभागियों के बीच मातृ-शिशु पोषण के संबंध में शुरूआती 1000 दिनों के महत्व पर विस्तार से चर्चा हुई।


मुख्य सेविका अनिता नायक के महादेव झारखंडी परिक्षेत्र में हुए इस आयोजन के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगीता, नीतू, रीनू और पानमती ने आयोजन में जुटे दो दर्जन प्रतिभागियों को हाथ धुल कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। सभी प्रतिभागियों के लिए मॉस्क लगाना अनिवार्य रहा। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने छह माह की उम्र पूरी कर चुके आरब और अनुज को दलिया का बना पूरक आहार खिलाया, जबकि गर्भवती रंजना और बाबी को पोषण की पोटली देकर गोदभराई की। आयोजन में पोषण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। बताया गया कि गर्भावस्था से लेकर शिशु के दो वर्ष की आयु पूर्ण करने तक के 1000 दिन पोषण की दृष्टी से बेहद महत्वपूर्ण हैं। सुपोषित मां ही सुपोषित बच्चे को जन्म देती है। इसलिए गर्भावस्था में ही खानपान पोषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए। छह महीने तक सिर्फ स्तनपान और उसके बाद स्तनपान के साथ शिशु को पूरक आहार दिया जाना बेहद आवश्यक है। 


इस अवसर पर मुख्य सेविका अनिता नायक द्वारा उत्तम पोषण, उत्तर प्रदेश रोशन...सही है पोषण तो देश है रौशन...जैसे नारे भी लगवाए गए।


मातृ-शिशु पोषण का है विशेष महत्व


शहरी बाल विकास परियोजना अधिकार प्रदीप कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में पोषण का विशेष महत्व है। इसी निमित्त सीमित संख्या में समुदाय को संदेश देने के लिए आयोजन करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरक आहार के रूप में बच्चों को केला, अंडा, गाढ़ी दाल जैसी घरेलू चीजें दी जानी चाहिए। बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन कर बच्चे का पेट तो भर जाता है लेकिन पोषण नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार गर्भावस्था के दौरान मां के पोषण के लिए महिला को 180 दिन तक प्रतिदिन आयरन एवं फॉलिक एसिड की एक गोली के साथ कैल्सियम की दो गोली प्रतिदिन लेनी चाहिए। प्रसव के उपरांत भी 180 दिन तक प्रतिदिन आयरन एवं फॉलिक एसिड की एक गोली के साथ कैल्सियम की दो गोली लेनी चाहिए। साथ में हरी साग-सब्जियां, पुष्टाहार, अंडा, दूध आदि चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेवन करना चाहिए।


समुदाय में जागरूकता आवश्यक


पोषण के प्रति समुदाय में जागरूकता नितांत आवश्यक है। लोगों को मां, बच्चे, किशोरियों और धात्री के पोषण पर विशेष ध्यान देना होगा। ऐसे आयोजनों का उद्देश्य समाज को पोषण के प्रति संवेदीकृत करना है। व्यक्तिगत और सामुदायिक प्रयासों से ही ‘‘सही पोषण, देश रोशन’’ का लक्ष्य हासिल होगा।


हेमंत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी


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