43 साल से कूटरचित दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाली शिक्षका निलंबित

      गोरखपुर : जिले के परिषदीय विद्यालयों कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाली शिक्षकों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने दो शिक्षकों को निलंबित किया है।
इनमें एक शिक्षिका द्वारा 43 वर्ष पहले इंटर का अंकपत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया है। एक अन्य मामले की जांच के लिए आजमगढ़ के बीएसए को पत्र भेजा गया है। बेलघाट ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरदत्तपुर में तैनात सहायक अध्यापक वृन्दा रानी के विरुद्ध इंटर के फर्जी अंकपत्र पर नौकरी करने की शिकायत मिली थी।
शिक्षिका ने नौकरी हासिल करने के लिए वर्ष 1977 का इंटर का अंक पत्र लगाया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षिका के अंक पत्र को सत्यापन के लिए संबंधित विद्यालय भेजा। विद्यालय ने इस अंक पत्र को कूटरचित करार दिया। इस फर्जीवाड़ा पर शिक्षिका को निलंबित करते हुए मामले की जांच खंड शिक्षाधिकारी बेलघाट को सौंपी गई है।
वहीं यू डॉयस डॉटा में नाम व जन्मतिथि में अंतर पाए जाने पर कैम्पियरगंज ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बहबोलिया के सहायक अध्यापक दिनेश कुमार पाठक के विरुद्ध जांच शुरू हुई। मानव संपदा पोर्टल पर मिलान में यह पाया गया कि सहायक अध्यापक दिनेश कुमार पाठक द्वारा तुलसीदास इंटर कालेज के प्रवक्ता दिनेश कुमार पाठक के शैक्षिक अभिलेखों को फर्जी ढंग से तैयार कर नौकरी की जा रही है। शिक्षक को निलंबित करते हुए खंड शिक्षाधिकारी कैम्पियरगंज को इस मामले की जांच सौंपी गई है।
मानव संपदा पोर्टल ने पकड़ा गड़बड़झाला
पिपरौली ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिछौरा के सहायक अध्यापक प्रमोद कुमार सिंह के वेतन डॉटा को पोर्टल पर फीड करने के दौरान यह गड़बड़झाला सामने आया। पोर्टल पर यह ब्यौरा पहले से ही आजमगढ़ जिले के प्राथमिक विद्यालय झरनी के प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार सिंह के नाम दर्ज है। बेसिक शिक्षा विभाग ने दोनों ही शिक्षकों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।


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