आनलाइन गेम खेलने के लिए बेटे उड़ा रहे थे पिता के रुपए

गोरखपुर : आनलाइन आईपीएल गेम खेलने के लिए बेटों ने अपने पिता के एटीएम कार्ड की जानकारी चुराकर हजारों रुपए की चपत लगा दी। शहर के एक कॉलेज के प्रवक्ता के बेटे ने एक लाख 54 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए तो एक व्यापारी के बेटे ने पिता के एकाउंट से 17 बार में 43 हजार रुपए गायब कर दिए। दोनों मामलों में पिता के मोबाइल नंबर पर आने वाली ओटीपी की जानकारी लेकर बेटे ​​उसे मिटाते रहते थे। इससे मोबाइल चेक करने पर पिता को रुपए निकलने की जानकारी नहीं हो पाती थी। एकाउंट का विवरण चेक करने पर जब रुपए गायब होने की बात पता लगी तो दोनों मामले की शिकायत साइबर सेल तक पहुंची। साइबर सेल के प्रभारी दरोगा महेश चौबे, कांस्टेबल शशिशंकर राय, शशिकांत जायसवाल और नीतू नाविक ने जब जांच की तो आरोपियों की पहचान होने पर दंग रह गए। दोनों घटनाओं में बेटों की करतूत सामने आई। अपने लाडले की गलती पता लगने पर पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से माफ करने की गुहार लगाई। इसलिए पुलिस ने मुकदमा तो नहीं दर्ज किया। लेकिन बच्चों पर कड़ी नजर रखने की हिदायत उनके परिजनों को दी।
प्रवक्ता और व्यापारी के एकाउंट से निकले रुपए
शहर के एक कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रवक्ता ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया। बताया कि उनके बैंक खाते से एक लाख 54 हजार 534 रुपए कई ​बार में निकल गए हैं। उन्होंने कहा कि मेहनत की गाढ़ी कमाई को साइबर जालसाज उड़ा रहे हैं। इसलिए पुलिस को प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रवक्ता की शिकायत पर एसएसपी ने मामले की जांच साइबर सेल को दी। इस मामले की जांच चल रही थी। तभी कोतवाली इलाके में रहने वाले व्यापारी ने भी प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने कहा कि उनके एकाउंट से किसी जालसाज ने 17 बार में 43 हजार निकाल लिए हैं। एसएसपी के निर्देश पर साइबर सेल ने इसकी जांच की। तब पता लगा कि शिकायतकर्ता—पीड़ितों के बेटे ही यह हरकत कर रहे थे।
बेटों की चालाकी, मिटा देते थे एसएमएस
आनलाइन आईपीएल गेम खेलने के लिए बेटे ही अपने पिता के एटीएम कार्ड की डिटेल और ओटीपी चुराकर रुपए का ट्रांजेक्शन करते थे। घर में किसी को इसकी जानकारी न हो सके। इसलिए मोबाइल में आए सभी प्रकार के मैसेज मिटाते रहते थे। पुलिस की जांच में बेटों की हरकत पता लगने पर शिकायतकर्ता पिता सन्न रह गए। उनके मुकदमा दर्ज कराने पर बेटों को जेल जाना पड़ता। बेटों का भविष्य खराब होने की दुहाई देकर शिकायकर्ताओं ने एसएसपी से गुहार लगाई। कहा कि उनके बच्चों की गलती को माफ करते हुए कोई कार्रवाई न की जाए। बेटों पर नजर रखने की हिदायत देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पीड़ितों का अनुरोध स्वीकार कर लिया।


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