अवैध रूप से संचालित हो रहा था दो अस्पताल, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने किया सील

          गोरखपुर : ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल ने सोमवार को निरीक्षण के दौरान कस्बे में अवैध रूप से संचालित दो निजी अस्पतालों को सील कर दिया। इस कार्रवाई से हड़कंप मचा रहा। प्रशासन को काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि कस्बे में कुछ निजी अस्पताल अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं।
यहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी भी नहीं हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने अपराह्न 3.30 बजे सबसे पहले राज हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। यहां संचालक मधुसूदन चौधरी ने बताया कि पांच वर्षों से यह हॉस्पिटल संचालित है। हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज मांगने पर संचालक ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए उन्होंने सभी दस्तावेज सीएमओ ऑफिस में जमा किया है, लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका।
यहां प्रसव के लिए आईं महराजगंज जिले के श्यादेऊरवा स्थित बेजौली गांव की शीला (30) पति संदीप जायसवाल ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को बताया कि उनके गांव की आशा उन्हें यहां ले आई है। हॉस्पिटल द्वारा 20 हजार रुपये लेने के बाद प्रसव कराया गया।
इसी प्रकार भटहट ब्लॉक के घोड़ा देऊर गांव की मनोरमा पत्नी अनिल शर्मा पेट की गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं। हॉस्पिटल संचालक स्वयं इलाज करता मिला। इसी प्रकार फार्मेसी में तीन युवतियां काम करती मिलीं जो 10वीं व 12वीं पास थीं।
राज हॉस्पिटल के संचालक का चालान
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट इसके बाद ब्लॉक के सामने सेवा चिकित्सालय पहुंचे जहां एक अप्रशिक्षित युवक अल्ट्रासाउंड व एक्सरे करता मिला। वह ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को देखते ही भाग निकला। रसूलपुर झुंगिया गांव की ममता तथा डुमरी नंबर दो गांव की दो आशा बहुएं यहां मौजूद मिलीं।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की पूछताछ में दोनों आशा बहुएं अपना खुद इलाज करवाने के लिए आने की बात बर्ताइं। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अश्वनी चौरसिया ने बताया कि सेवा चिकित्सालय का रजिस्ट्रेशन तो हुआ है लेकिन डॉक्टर नहीं थे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने अनियमितता मिलने पर दोनों अस्पतालों को सील करा दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि दोनों हॉस्पिटलों के खिलाफ में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
राज हॉस्पिटल के संचालक मधुसूदन चौधरी का गुलरिहा पुलिस ने शांतिभंग में चालान किया। गुलरिहा थाने के कार्यवाहक प्रभारी राम भवन यादव ने बताया कि अस्पताल के निरीक्षण के दौरान इनसे शांतिभंग की आशंका जिससे चालान किया गया।


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