हे छठी मईया हर लीं बलैया’ गीतों के साथ मना छठ, घाटों पर उमड़ा जन सौलाब

 


डॉ0 एस0 चंद्रा

    

गोरखपुर : सिर पर दउरा लेकर घाटों पर जाते लोग पीछे-पीछे ‘हे छठी मईया हर लीं बलैया’..., ‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’..., ‘रिमिक झिमिक बोलेलीं छठी मईया’...  छठ गीत गाती महिलाएं, पटाखे जलाते बच्चे, ढोल-तासों की गूंज के छठी मईया के जयकारे, कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को छठ पर्व के तीसरे दिन शहर के राजघाट, सूर्यकुंड, गोरखनाथ, महेसरा, तकिया घाट, मानसरोवर, रामगढ़ ताल सहित तमाम घाटों पर दिखा। जहां व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया और संतान, पति के साथ परिवार के सभी सदस्यों के लिए मंगलकामना की।

शहर में सूर्य उपासना के महापर्व छठ की छटा हर ओर देखने का मिली। चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन दोपहर से ही छठ घाटों पर व्रती महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। तमाम महिलाएं बैंड बाजे के साथ घाटों पर पहुंचीं। कुछ देर पानी में खड़े होने के बाद शुभ मुहूर्त में अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया। राप्ती नदी के राजघाट तट पर बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंची। यहां भीड़ इतनी हो गई कि पैदल चलना मुश्किल हो गया।

जैसे-जैसे अर्घ्य देने का समय निकट आया घाटों पर छठ माता के जयकारे गूंजने लगे। शाम को अरुण देव की लालिमा निहारते हुए महिलाओं ने माता का आह्वान किया। परिवार के पुरुष सदस्यों और पंडितों ने सूर्य देव को अर्घ्य दिलाया। गोरखनाथ मंदिर में भी छठ व्रत की छटा देखने को मिली। बड़ी संख्या में महिलाएं भीम सरोवर में पहुंची और सूर्य को अर्घ्य देकर संतान की दीर्घायु के लिए प्रार्थना की। इस दौरान छठ माता के गीत वातावरण में गूंज रहे थे। इसी प्रकार मानसरोव, सूर्यकुंड सहित सभी घाटों पर व्रती महिलाओं की भीड़ रही।

अस्थाई घाटों पर भी रही भीड़

शहर के बौलिया कॉलोनी, कूड़ाघाट आवास विकास कॉलोनी, इंजीनियरिंग कॉलेज, बिलंदपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय, बेतियाहाता, मोहद्दीपुर, शाहपुर, विष्णुपुरम, रुस्तमपुर, सहारा स्टेट, गीता वाटिका सहित शहर के कई क्षेत्रों एवं कॉलोनियों के आसपास अस्थाई तालाब बनाए गए थे। घाट बनाकर उसे सजाया संवारा गया था। लाइटिंग के विशेष इंतजाम किए गए थे। व्रती महिलाओं के परिवार वालों ने इन स्थाई घाटों को सुंदर ढंग से सजावट की थी। जहां  महिलाओं ने शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।

घरों में भी हुई छठ की पूजा-अर्चना

कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं ने घर की छतों पर एवं आंगन में कृत्रिम कुंड तैयार किया जिसमें पानी भरकर उसी में पानी में खड़ी होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया।

अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घरों में छठ माता की कृपा पाने के लिए कोसी भरी गई। कईयों ने मन्नत पूरी होने के बाद छठ माता के प्रति आस्था निवेदित करते हुए कोसी भरी। रेलवे कॉलोनी, असुरन चौक, सहारा स्टेट, गोरखनाथ, कूड़ाघाट, नंदानगर आदि मोहल्लों में आयोजन के कारण रौनक दिखी। माताओं ने कोसी पर दीप जलाकर मां की आराधना की एवं रात्रि जागरण किया।

छठ पर्व को लेकर शुक्रवार को चहूंओर उत्साह का माहौल दिखा। शहर के छठ पूजा घाटों के समीप पंडालों में छठ माता की प्रतिमा स्थापित की गई। जहां श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की। शहर के  जाफरा बाजार, बेतियाहाता, खरैया पोखरा, आर्यनगर सहित विभिन्न स्थानों पर छठ पूजा पंडालों में छठ माता की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।

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