निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोर्ट में किया सरेंडर

       संतकबीरनगर : विधानसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने और आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में आरोपी बनाए गए निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने सोमवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। इस दौरान कचहरी में गहमागहमी रही।
नलकूप खंड द्वितीय संतकबीरनगर के जूनियर इंजीनियर अशोक कुमार ने 14 जनवरी-2017 को थाना प्रभारी बखिरा को प्रार्थना पत्र दिया। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी-2017 को उड़नदस्ता टीम के एचसीपी रामहित यादव व कांस्टेबल कुलदीप सिंह, छोटे लाल सोनकर व वीडियोग्राफर सोनू कुमार के साथ वह अपने आवंटित क्षेत्र मेंहदावल विधानसभा (संतकबीरनगर) सामान्य निर्वाचन-2017 में आदर्श आचार संहिता के अनुपालन के संबंध में ग्राम निघुरी पहुंचे।'
वहां देखा एवं सुना गया कि पीस पार्टी व निषाद पार्टी के संयुक्त जनसभा में वक्ता जाति विशेष वर्ग के विरुद्ध भड़काऊ भाषण दे रहे थे एवं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा था। भाषण देने वालों में पीस पार्टी के नेता डॉ. अयूब खान, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद व मोहम्मद इरफान एवं अन्य लोग थे।
मामले में थाना बखिरा में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्य्क्ष संजय निषाद एवं मोहम्मद इरफान के विरुद्ध विवेचक ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। डॉ. अयूब और उनके पुत्र मोहम्मद इरफान ने पहले ही जमानत करा ली थी। जबकि डॉ. संजय निषाद के विरुद्ध न्यायालय ने गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।
डॉ. संजय निषाद ने सोमवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। विशेष न्यायाधीश एमपी, एमएलए दीप कांत मणि ने 25- 25 हजार के दो जमानतदार व उतने ही रुपये के निजी मुचलके पर डॉ. संजय निषाद को रिहा किए जाने का आदेश पारित किया। डॉ. संजय निषाद के जनपद आने की सूचना पर उनके समर्थकों में उत्साह रहा। इस दौरान कचहरी में गहमागही रही।


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