दिव्यांग बच्चा पैदा होने पर चार महिला डॉक्टरों पर केस

डॉ0 एस0 चंद्रा


              गोरखपुर : तंदुरूस्त की जगह दिव्यांग बच्चा पैदा होने के मामले में कैंट पुलिस ने चार डॉक्टरों (डॉ. अरुणा छापड़िया, डॉ. अंजू मिश्रा, डॉ. नेहल छापड़िया व सहजनवा की डॉ. काजल) के खिलाफ छल व धोखा देने के आरोप में केस दर्ज किया है। सीएमओ की जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद उसी जांच आख्या के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार पीड़ित ने बच्चा पैदा होने के पहले इन चारों डॉक्टरों के यहां समय-समय में गर्भाशय की जांच कराई थी। इसमें इन डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में बच्चे को ठीक बताया था। हालांकि जब जिला अस्पताल में बच्चा दिव्यांग पैदा हुआ।

गीडा के देईपार निवासी अभिषेक पांडेय ने दी गई तहरीर में बताया कि उनकी 27 वर्षीय पत्नी अनुराधा के गर्भधारण के बाद गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और विकास के संबंध में जानकारी के लिए 20 जनवरी 20 को हनुमान मंदिर रोड बेतियाहाता की डॉ. अरुणा छापड़िया, 30 मार्च 2020 को बेतियाहाता ‌की डॉ. अंजू मिश्रा, 9 मई 20 को बेतियाहाता की डॉ. नेहल छापड़िया व 5 अगस्त 20 को सहजनवा के बखिरा रोड की डॉ. काजल को नियमित तौर पर जांच कराता रहा। इनके कहने पर 19वें, 25वें, 32वें व 35वें हफ्ते में लेवल टू कलर डाप्लर (गर्भस्थ शिशु की संपूर्ण शारीरिक बनावट व स्थित के बारे में) भी जांच कराई। जांच रिपोर्ट में इन डॉक्टरों ने बताया कि बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है। इस दौरान महिला को 15 अगस्त 2020 को जिला महिला अस्पताल में बच्चा पैदा हुआ है। जो कि जन्मजात दिव्यांग था। उसका एक हाथ विकसित ही नहीं हुआ था। वहीं नाक व ललाट भी अविकसित था। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग बताया।

पति-पत्नी ने पहले डीएम से की थी शिकायत

दम्पत्ति ने दिव्यांग बच्चा पैदा होने के बाद पहले डीएम से शिकायत की थी। फिर एसएसपी से और साथ ही आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की थी। इसके बाद सीएमओ ने पूरे मामले में मे‌डिकल बोर्ड गठित कर जांच कराई। जांच आख्या में भी इन डॉक्टरों की लापरवाही व अनियमितता पाई गई। इसके बाद पीड़ित ने जांच आख्या रिपोर्ट के साथ पुलिस को तहरीर दी।


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