डॉ0 एस0 चंद्रा
गोरखपुर : असुरन पोखरे के दायरे में मकान बनाने वाले लोग अपना मकान बचाने के लिए स्थानीय पार्षद अजय यादव के साथ एसडीएम/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर गौरव सिंह सोगरवाल से मिले। उनके साथ जमीन बेचने वाले ऋषभ जैन के पुत्र रिहंत जैन भी मौजूद थे। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने साफ शब्दों में कहा है कि 24 जनवरी तक पोखरे के बदले 9.44 एकड़ जमीन सदर तहसील क्षेत्र में कहीं भी उपलब्ध करा दी जाए। जमीन मिलते ही यह प्रकरण समाप्त हो जाएगा। ऋषभ जैन ने पीपीगंज रोड पर कुछ स्थानों पर जमीन भी देखी है। उस संंबंध में कागज एसडीएम को सौंपने की तैयारी चल रही है।
असुरन पोखरा में बने हैं 150 से ज्यादा मकान
असुरन पोखरा के दायरे में 150 से अधिक मकान बने हैं। तहसील प्रशासन की ओर से नोटिस जारी होने के बाद यहां के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। इसी सिलसिले में वे एसडीएम से मिले। पार्षद अजय यादव ने बताया कि एसडीएम ने 24 जनवरी तक जमीन का कागज देने को कहा है ताकि उसकी जांच करायी जा सके। ऐसा न करने पर 27 या 28 जनवरी से प्रशासन की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। एसडीएम से मिलने के बाद लोगों ने शाम को ऋषभ जैन से उनके आवास पर मुलाकात की। 2010 में शपथ पत्र देने के बाद भी जमीन न देने जैसी गलती इस बार न हो, इसके लिए शनिवार को ही जमीन का कागज दे दिया जाए। इसके लिए कागज देने की तैयारी भी चल रही है।
कालोनीवासियों ने पूछा-हमारी गलती क्या है
कालोनीवासियों ने एसडीएम से पूछा कि इस मामले में उनकी गलती कहां है। एसडीएम ने कहा कि गलती जमीन बेचने वाले की है कि उन्होंने पोखरे की जमीन पाटकर बेच दी। इसीलिए उनसे जमीन ली जा रही है। कालोनी के लोगों ने सरकारी विभागों के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की भी बात की, जिसपर उन्हें बताया गया कि इस मामले में भी जांच होगी।
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