एटीएम और पिन बदल खाते साफ करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

डॉ0 एस0 चंद्रा


  महराजगंज : पनियरा पुलिस, साइबर व सर्विलांस सेल ने एटीएम एवं पिन बदल कर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। निचलौल, पिपराइच व पनियरा क्षेत्र के रहने वाले पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके पास 18 एटीएम कार्ड, 165 सिमकार्ड, 2 आधार कार्ड, 6 मोबाइल फोन व एक बाइक बरामद की गई है। पांचों आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर उनको जेल भेज दिया गया।

पुलिस कार्यालय में मंगलवार को एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि साइबर सेल प्रभारी मनोज कुमार पंत, पनियरा के प्रभारी निरीक्षक सुनील कुमार राय, सर्विलांस सेल प्रभारी शशांक शेखर राय, हेड कांस्टेबिल प्रफुल्ल कुमार यादव व आलोक पांडेय की टीम ऑनलाइन धोखाधड़ी की जांच कर रही थी।

जांच आगे बढ़ी तो आनलाइन धोखाधड़ी के मामले में पिपराइच थाना क्षेत्र के गढ़वा मुंडेरी गांव निवासी मनोज कन्नौजिया (22), निचलौल क्षेत्र के कपरौली गांव निवासी अरूण कुमार गुप्त (23), हिन्दी मोहल्ला कस्बा निचलौल निवासी विवेक कुमार (22), सिनेमा रोड निचलौल निवासी मनीष मोदनवाल (19) व पनियरा क्षेत्र के कुंआचाप छावनी टोला निवासी धर्मेन्द्र निषाद (23) का नाम सामने आया। इनके पास से विभिन्न बैंक के 18 एटीएम, 165 सिमकार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल फोन आदि बरामद हुआ है।

फर्जी एकाउंट में ऑनलाइन कैश ट्रांसफर करते थे

साइबर अपराधियों का यह गैंग गैर राज्य से बैंक खाता को हैक करता था। खातों से पैसा निकाल फर्जी एकाउंट में आनलाइन ट्रांसफर कर उसे निकाला जाता था। एसपी ने बताया कि इस गैंग के सदस्य हरियाणा निवासी कुलदीप के बैंक खाता को वर्ष 2019 में हैक कर 1 लाख 62 हजार रुपया उड़ाए थे। इस पैसे को सदर कोतवाली क्षेत्र के पतरेंगवा गांव निवासी एक महिला समेत दो लोगों के नाम से खोले गए फर्जी एकाउंट में आनलाइन ट्रांसफर कर निकाला गया था।

पुलिस टीम को एसपी ने दिया 25 हजार का पुरस्कार

साइबर अपराध से जुड़े मामले की खुलासा करने वाली टीम के लिए एसपी प्रदीप गुप्ता ने 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने का घोषणा की। कहा कि जिले के अलावा दूसरे राज्य तक फैले इस गैंग के सदस्यों ने कई लोगों को आनलाइन ठगी का शिकार बनाया था। इस रैकेट से जुड़े अन्य मामले विवेचना के दौरान सामने आएंगे।

एटीएम बदल ट्रांजेक्शन करने में माहिर है यह गैंग

एसपी ने बताया कि गैंग के जिन पांच सदस्यों को पकड़ा गया है इस सभी की उम्र 19 वर्ष से लेकर 23 वर्ष के बीच में है। यह गैंग उन लोगों को निशाना बनाता था जो एटीएम मशीन से कार्ड के जरिए रुपया निकालने आते हैं। पर उन्हें निकासी का तरीका नहीं मालूम रहता है। ऐसे लोगों के मदद के नाम पर यह गैंग उनका एटीएम कार्ड बदल लेता था। पिन की जानकारी लेकर दूसरे मशीन से पैसा निकाल ले रहा था। गैंग के पर्दाफाश में कई अहम जानकारी सामने आई है। जिसके आधार पर जांच कराई जा रही है। विवेचना में कई और रहस्य सामने आ सकते हैं

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