डॉ0 एस0 चंद्रा
गोरखपुर : चिलुआताल इलाके की छात्रा को अगवा करने के मामले में लव जिहाद की पुष्टि नहीं हो पाई है। आरोपित ने खुद को नेवी का अफसर बताकर नौकरी दिलाने के नाम पर छात्रा का शारीरिक शोषण किया है। पुलिस ने लव जिहाद की धारा हटा दी है। छात्रा के बयान के आधार पर नौकरी के नाम पर जालसाजी और रेप की धारा बढ़ा दी है। इन्हीं दोनों धाराओं में कनार्टक के रहने वाले महबूब को पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
दरअसल चिलुआताल इलाके की रहने वाली सेवानिवृत्त जवान की बेटी चार जनवरी को घर से लापता हो गई थी। 11 जनवरी को छात्रा के पिता की तहरीर पर पुलिस ने कर्नाटक, बीजापुर के इंडी निवासी महबूब के खिलाफ अपहरण व उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 (लव जिहाद) के तहत मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को दिए तहरीर में सेना से रिटायर्ड जवान ने बताया था कि चार जनवरी को अपनी नाबालिग बेटी को छोड़ने वह उसके कालेज गए थे। शाम तक घर न लौटने पर परिवार के लोगों ने खोजबीन शुरू की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।
पांच जनवरी को उन्होंने गुमशुदगी दर्ज कराई। छानबीन करने पर पता चला कि महबूब नामक एक युवक उनकी बेटी के संपर्क में था। खुद को हिंदू बताकर उसने बेटी से दोस्ती की। नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसे अगवा कर लिया है। एसएसपी जोगेंद्र कुमार के निर्देश पर चिलुआताल थाने के दारोगा राजकुमार सिंह दो सिपाहियों के साथ आरोपित को पकड़ने बीजापुर गए थे। सर्विलांस की मदद से उन्होंने आरोपित को पकड़ लिया। अपहृत को बरामद करने के बाद दोनों को स्थानीय कोर्ट में पेश किया। ट्रांजिट रिमांड मिलने पर गोरखपुर लाया गया। यहां छात्रा के बयान के आधार पर अपहरण और लव जिहाद की पुष्टि नहीं हो पाई। हालांकि रेप और जालसाजी की बात जरूर सामने आई जिसके बाद पुलिस ने यह दोनों धाराएं बढ़ा दी।
मिस्डकॉल के जरिये हुआ परिचय
छात्रा ने पुलिस को बताया कि एक साल पहले मिस्डकॉल के जरिए महबूब से परिचय हुआ उसने खुद को नेवी का अफसर बताया। वह अक्सर फोन करता था और बातचीत करता था। वह कहता कि उसे नेवी में वह नौकरी दिला देगा। उसके झांसे में आकर उसके साथ कनार्टक चली गई। उसने नौकरी के नाम पर शारीरिक शोषण किया। छात्रा का कहना है कि उसकी जालसाजी की जानकारी के बाद अब वह अपनी भूल पर पछता रही है। अगर भरोसा करके नहीं गई होती तो यह घटना नहीं होती।
नीरज राय इंस्पेक्टर चिलुआताल ने बताया कि आरोपित ने अपने धर्म की पहचान गलत नहीं बताई थी। उसने शुरू से ही अपना नाम महबूब बताया था। उसने धर्म परिवर्तन कर छात्रा से शादी नहीं की है। इसलिए यह मामला लव जिहाद कानून के दायरे में नहीं आता है। युवती को नौकरी दिलाने के नाम पर उसका शारीरिक शोषण किया है। इसलिए लव जिहाद की धारा हटाकर जालसाजी और रेप की धारा बढ़ाई गई है।
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