डॉ0 एस0 चंद्रा
कुशीनगर : सात साल की दुष्कर्म पीड़िता की हालत अब एकदम ठीक हो गई है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मासूम के स्वास्थ्य को देखते हुए बृहस्पतिवार को घर जाने की सलाह दी है। परिजन इसी दिन देर शाम घर के लिए निकल भी गए। इस बीच उत्तर प्रदेश बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ प्रवेश गुप्ता के निर्देश के बाद मासूम और उसके परिजनों को कुशीनगर एसपी ने सुरक्षा व्यवस्था भी मुहैया कराई है।
जानकारी के मुताबिक, कुशीनगर के सात साल की मासूम के साथ 29 जनवरी को गांव के ही एक युवक ने दुष्कर्म किया था। गंभीर हाल में उसे पुआल के एक ढेर में दबा दिया गया था। वह बेहोशी के हालत में खून से लथपथ थी। किसी तरह परिजनों ने उसे ढूंढ़कर इलाज के लिए कुशीनगर के कोटवा सीएचसी ले गए। जहां से उसे जिला अस्पताल कुशीनगर रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल से भी डॉक्टरों ने उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जहां परिजन उसे शनिवार की भोर सवा तीन बजे लेकर आए। इस बीच करीब छह घंटे तक मेडिको लीगल के नाम पर डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई लापरवाही
इस बीच खड्डा के भाजपा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी सुबह पहुंचे तब जाकर किसी तरह बीआरडी इलाज हुआ। इस बीच मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश बाल आयोग से लेकर मुख्यमंत्री तक से मामले की शिकायत की गई। इस पर बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए मासूम और उसके परिजनों को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के निर्देश दिए। निर्देश के बाद एक महिला कांस्टेबल मासूम और उसके परिजनों के साथ लगा दी गई है।
तीन हजार रुपये बीआरडी ने वापस किए
मासूम को भर्ती करने के बाद उसका इलाज किसी तरह शुरू हुआ। लेकिन इस बीच डॉक्टरों ने तीन हजार रुपये की दवा बाहर से मंगा दी। इसकी जानकारी जब विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को हुई तो उन्होंने मामले की शिकायत प्राचार्य से करते हुए कमिश्नर से भी की। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कॉलेज प्रशासन ने तीन हजार रुपये मासूम के पिता को वापस कर दिए। मासूम के पिता ने बताया कि अब बिटिया स्वस्थ्य हैं। इलाज भी डॉक्टरों ने ठीक से किया है। सुरक्षा व्यवस्था भी मिल गई है। दोषियों को कड़ी सजा मिले बस यही चाहता हूं।
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