गोरखपुर रामगढ़ झील की 150 एकड़ जमीन बिल्डरों से वापस ली जाएगी;

डॉ0 एस0 चंद्रा

गोरखपुर। यूपी सरकार ने गोरखपुर में रामगढ़ ताल की 150 एकड़ जमीन दो बिल्डरों को दिए जाने के मामले में कड़ी कार्रवाई की है। आवास विभाग ने दोनों बिल्डरों के कब्जे से 150 एकड़ जमीन वापस लेने का आदेश दिया है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया जाए। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है।

नहीं हो सकेगा पक्का निर्माण

प्रमुख सचिव आवास की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि इस जमीन को वनभूमि, वेट लैंड, वॉटर रिजर्व रखने के लिए वन विभाग को दिया जाएगा। इस भूमि पर किसी भी दशा में किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं किया जाएगा। इस मामले में चल रही याचिकाओं की सुनवाई पूरी होने तक इस जमीन का स्वामित्व गोरखपुर विकास प्राधिकरण के पास रहेगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण को इस मामले में तुरंत कार्यवाही करने का आदेश दिया गया है।

बिल्डरों को दी गई जमीन

रामगढ़ ताल परियोजना के अंतर्गत गोरखपुर विकास प्राधिकरण की सैकड़ों एकड़ जमीन है। इस जमीन में मेसर्स भव्या कालोनाइजर्स को 50 एकड़ और मेसर्स जालान कांप्लेक्स प्रालि. को 100 एकड़ जमीन दी गई। इन जमीनों को देते समय नियमों की अनदेखी की गई। बिल्डरों को जमीन देने पर खूब हंगामा हुआ। यह मामला राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी), हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक गया।

एनजीटी ने दिया आदेश;

इस मामले में सुनवाई के बाद एनजीटी ने आदेश दिया कि वन विभाग को 150 एकड़ भूमि को अपने कब्जे में रखना चाहिए और उसे कानून के अनुसार वन भूमि, वेटलैंड, जलाशय के रूप में बनाए रखना चाहिए। इसके साथ ही अन्य न्यायालय से आदेश हुआ कि 150 एकड़ भूमि पर किसी भी प्रकृति का कोई भी निर्माण नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार, जीडीए को पर्यटकों और स्थानीय आगंतुकों के लिए हरी भूमि के रूप में इस क्षेत्र को बनाए रखना चाहिए और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

दोषियों पर होगी कार्रवाई

इस मामले में न्यायालय ने 150 एकड़ भूमि के हस्तांतरण के मामले में संबंधित अधिकारियों द्वारा किए गए धोखाधड़ी अधिनियम के संबंध में एक उपयुक्त स्वतंत्र जांच कराने की बात कही है। आवास विभाग अब जमीन हस्तांतरण के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने जा रहा है। इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि जमीन देने के मामले में कौन-कौन शामिल था। चिह्नित होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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