गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका का निधन

डॉ0 एस0 चंद्रा

    वाराणसी : गीता प्रेस गोरखपुर के अध्यक्ष और सनातन धर्म की प्रसिद्ध पत्रिका कल्याण के संपादक राधेश्याम खेमका का शनिवार को दोपहर साढ़े 12 बजे निधन हो गया। उन्होंने केदारघाट स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे 87 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पुत्र राजाराम खेमका पुत्री राज राजेश्वरी देवी चोखानी, भतीजे गोपाल राय खेमका, कृष्ण कुमार खेमका, गणेश खेमका समेत नाती-पोतों से भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।

वे पिछले 15 दिनों से अस्वस्थ्य चल रहे थे। अस्वस्थता की अवस्था में उन्हें रवीन्द्रपुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले दो दिनों से केदार घाट स्थित आवास लाया गया था जहां अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया। मुखग्नि एकमात्र पुत्र राजा राम खेमका ने दी। 

राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वाहन करते हुए अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनमें कल्याण प्रमुख है। मृदुल वाणी के लिए प्रसिद्ध राधेश्याम खेमका के पिता सीताराम खेमका मूलतः बिहार के मुंगेर जिले से यहां आए थे। दो पीढ़ियों से खेमका काशी निवासी रहे और धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी, शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ और वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद, कथा व्यास रामचन्द्र जी डोंगरे जैसे संतों से विशेष संपर्क और सानिध्य रहा।

खेमका वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट से जुड़े रहे और वाराणसी कागज व्यवसाय से भी जुड़े रहे। उनके निधन से उनके केदार घाट स्थित आवास पर शोक श्रद्धाजंलि देने वालों का तांता लगा रहा।

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