सरकारी घर में मृत मिले सीनियर डॉक्टर, जिला अस्पताल में 15 दिन पहले नर्स ने मारा था थप्‍पड़

डॉ0 एस0 चंद्रा

        रामपुर : नर्स से मारपीट के बाद चर्चा में आए सीनियर डॉक्टर बीएम नागर मंगलवार को अपने आवास पर मृत पाए गए। वह जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात थे। मारपीट की इस घटना के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी, जबकि मारपीट करने वाली नर्स को भी सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि बाद में उनकी फिर से ज्वाइनिंग हो गई थी और वह पुन: अपनी सेवाएं देने लगे थे। डॉ. नागर घर में अकेले ही रहते थे।

जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. राकेश मित्तल ने बताया कि डॉक्टर नागर का परिवार लखनऊ में रहता है। वह यहां सरकारी आवास में अकेले रहते थे। अन्य साथी चिकित्सकों ने मंगलवार को उन्हें कई बार फोन मिलाया। फोन रिसीव न होने पर दोपहर एक बजे वार्ड ब्वाय को आवास पर देखने के लिए भेजा। वार्ड ब्वाय ने वहां जाकर देखा कि वह बेहोश पड़े हैं। आवाज देने पर भी नहीं उठ रहे। इस पर अन्य डॉक्टर और स्टाफ वहां पहुंच गए। उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए। यहां पल्स, ईसीजी आदि चेक किया। शरीर में कोई हरकत नहीं हुई। उनकी मौत हो चुकी थी। उन्हें शुगर की भी दिक्कत थी। संभावना है कि शुगर के साथ हृदय गति रुकने से उनका निधन हुआ है। परिवार को सूचना दे दी गई है।

25 अप्रैल को नर्स से हुई थी मारपीट

डॉ. बीएम नागर जिला अस्पताल में लंबे समय तक चेस्ट फिजिशियन के तौर पर अपनी सेवाएं देते रहे हैं। वह जुलाई 2020 में जिला अस्पताल से ही सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद संविदा पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। 25 अप्रैल की रात इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान स्टाफ नर्स कविता से कामकाज को लेकर कहासुनी हो गई थी। शोर-शराबे पर पुलिस और अस्पताल का स्टाफ जमा हो गया था। तब नर्स ने सभी के सामने उन्हें थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद उन्होंने भी नर्स को पीट दिया था। इसका किसी ने वीडियो बना लिया था, जो वायरल हो गया था। वीडियो के जरिये मामला संज्ञान में आते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ के आदेश पर रात में ही नगर मजिस्ट्रेट रामजी मिश्र अस्पताल पहुंच गए। पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

डॉक्टर नागर और नर्स पर हुई थी कार्रवाई

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने डॉक्टर की संविदा समाप्त करने और नर्स को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डॉक्टर और नर्स ने एक-दूसरे के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था। शहर कोतवाली प्रभारी तेजपाल सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच अभी पूरी नहीं हो सकी है। उधर, सीएमएस ने बताया कि डॉक्टर बीएम नागर ने संविदा समाप्ति के बाद दोबारा जिला अस्पताल में नए सिरे से ज्वानिंग कर ली थी। वह अपनी सेवाएं फिर देने लगे थे।

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