लोकतंत्र को युद्ध तंत्र में ना बदलने की नसीहत

 सतीश त्रिपाठी

गोरखपुर। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जा रही हत्या, उत्पीड़न की कड़ी निंदा भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद, राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक व पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कड़ी निंदा एवं भर्त्सना की है। 

उन्होंने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के द्वारा जो घिनौना कार्य किया जा रहा है उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ता मारे गए, प्रताड़ित किए गए, यहां तक की तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा। 

लोकतंत्र के इतिहास में यह एक ऐसा घिनौना कार्य है जिसकी शुरुआत बंगाल में माक्सवादियों ने किया था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसको आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि ममता के इसी तानाशाही को लेकर चुनाव के बीच चर्चा का विषय भाजपा ने बनाया था। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या और उत्पीड़न को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने घटना के तुरंत बाद बंगाल दौरे पर गए। उन्होंने शोषित, पीड़ित, प्रताड़ित कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों से मिलकर सांत्वना दी। इतना ही नहीं उन्होंने उनके साथ हर समय खड़े रहने का संकल्प भी लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष के संकल्प के साथ पूरे देश में मजबूती के साथ खड़ा रहेंगे। पार्टी के कार्यकर्ता सदैव लोकतंत्र की रक्षा, अन्याय और दमन का विरोध करते रहे हैं। वह आगे भी इसी तरह कार्य करते रहेंगे। 

श्री शुक्ल ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि लोकतंत्र को लोकतंत्र की ही तरह चलाएं। लोकतंत्र को युद्ध तंत्र में न बदलें। बंगाल स्वामी विवेकानंद और रविंद्र नाथ टैगोर का है और उन्हीं का रहने दें। बंगाल के चतुर्दिक और सर्वांगीण विकास के बारे में सोचे और लोकतंत्र को सुरक्षित रखें। इसी में उनकी भलाई है।


टिप्पणियाँ