गंभीर टीबी और एमडीआर टीबी रोगी चिकित्सक से सलाह लेकर लगवा सकते हैं कोविड का टीका

गोरखपुर, कोविड के मामले काफी कम हो चुके हैं। ऐसे में क्षय यानि ट्युबरक्लोसिस (टीबी) मरीजों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए टीकाकरण करवा लेना चाहिए। कोविड के टीके का टीबी मरीजों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है। टीबी के सामान्य मरीज टीका लगवा सकते हैं, लेकिन टीबी के गंभीर लक्षणों वाले मरीज और मॉस ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर) मरीज अपने चिकित्सक से सलाह लेकर टीका लगवा सकते हैं। जिले के करीब 6000 टीबी रोगियों से जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने यह अपील की है। उनका कहना है कि फेफड़ों की टीबी की सहरूग्णता के साथ कोविड होने पर जटिलताएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में 18 वर्ष से अधिक उम्र के फेफड़ों के टीबी मरीज का टीकाकरण आवश्यक है। 

जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा है कि कोई भी टीबी रोगी इस भ्रांति का शिकार न हो कि उसको टीका लगने से कोई बुरा असर पड़ेगा । मॉस्क लगा कर टीबी रोगी टीकाकरण बूथ तक पहुंच सकते हैं और दो गज की दूरी का पालन करते हुए टीका लगवाना है। टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों को हल्का बुखार और दर्द हो सकता है, जिससे बिल्कुल घबराना नहीं है। टीका लगवाने के बाद 30 मिनट तक टीकाकरण केंद्र पर ही ठहरना है। टीका केवल उन्हीं टीबी रोगियों को नहीं लगवाना चाहिए जिनको तेज बुखार है या फिर कोविड के लक्षण आ रहे हैं। टीकाकरण के बाद भी कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना है। टीबी रोगियों को टीके की दोनों डोज लगवानी है। कोविड टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। टीके की दोनों डोज आवश्यक है। को-वैक्सीन की दूसरी डोज चार से छह सप्ताह के अंतराल पर, जबकि कोविशील्ड की दूसरी डोज 12 से 16 सप्ताह के अंतराल पर लगवानी है।


डीटीओ डॉ. मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि टीबी मरीज टीकाकरण के अलावा अनावश्यक घर से न निकलें। उनके परिजन खासतौर पर सतर्कता बरतें और घर में टीबी रोगी से मॉस्क लगा कर ही मिलें। हाथों को साबुन-पानी से बार-बार धुलते रहें या एल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर का प्रयोग करें। पौष्टिक खानपान पर जोर दें। दूध, अंडा, पनीर, सोयाबीन, हरी साग-सब्जियों और चिकित्सक के सुझाव के अनुसार भोज्य पदार्थों का सेवन करें। टीबी मरीजों को पोषण के लिए 500 रुपये उनके खाते में प्रति माह की दर से दिये जाते हैं। इस धनराशि का उपयोग पौष्टिक भोजन में ही करना है।

टीबी मरीज हैं तो रहे ध्यान

टीबी की दवा बंद न करें।

मास्क, दो गज की दूरी और हाथों की स्वच्छता के नियम का कड़ाई से पालन करें।

घर  से बाहर बिल्कुल न निकलें।

टीबी के साथ कोविड के लक्षण आ रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं।

घर के परिजनों से भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ही मिलें।

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