दाल व्यापारियों की न्याय संगत परेशानियों से निजात दिलाने के लिए प्रघानमंत्री से सिंघानिया ने लगाई गुहार

विश्वदेव सर्राफ
गोरखपुर,केंद्र सरकार से दाल के व्यापारियों  के लिए दालों के स्टॉक की साप्ताहिक जानकारी प्रस्तुत करने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने का चेम्बर आफँ कामसॅ  ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि दाल  व्यापारियों के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत दालों के स्टॉक की साप्ताहिक जानकारी प्रस्तुत करने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर इसे निरस्त किया जाना व्यापारियों के लिए बहुत बड़ा तोहफा होगा ।
यह जानकारी देते हुए संस्था के अध्यक्ष संजय सिंघानिया  ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि केंद्र सरकार के खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने पत्र क्रमांक S -10/03/2019 – ECR&E दिनांक 14/05/2021 के द्वारा देश में सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत दाल इंडस्ट्रीज/मिलर्स, व्यापारियों एवं अन्य खाद्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से खाद्य विभाग में अपने स्टॉक लेखा एवं इससे सम्बंधित अन्य अभिलेखों की साप्ताहिक जानकारी प्रस्तुत की जावे।
इस सम्बन्ध में संस्था ने प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्रजी मोदी एवं वाणिज्य एवं उद्योग और खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले मंत्री माननीय श्री पीयूषजी गोयल और कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री माननीय श्री नरेंद्र सिंहजी तोमर को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि देश के दाल उद्योगों एवं व्यापार के हित में इस आदेश को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जावे। संगठन ने सरकार को अवगत करवाते हुए निवेदन किया है कि –
1. वर्त्तमान में दाल व्यापारियों एवं  इंडस्ट्रीज विभिन्न विभागों में तरह तरह की जानकारियां पूर्व से ही प्रस्तुत कर रही हैं, प्रत्येक 10 दिन में (माह में 3 बार) GST Return प्रस्तुत करना, कृषि  मंडी समितियों के नियमों का पालन करते हुए  व्यापार जैसी अनेक कार्यवाहियों में ही व्यापारियों का समय बीत जाता है, ऐसे में सरकार द्वारा प्रतिसप्ताह खाद्य विभाग में स्टॉक लेखा प्रस्तुत करना व्यापारियों के लिए न्यायसंगत नहीं है जबकि इस कारोबार का लेखा-जोखा मण्डी समिति के गेटपास 9आर के साथ जीयसटी रिटन में  व्यापारियों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है इस लिए  व्यापारियों को इस प्रकरण पर न्याय दे।
2. केंद्र सरकार के इस आदेश से व्यापारियों को दालों के स्टॉक का प्रत्येक सप्ताह लेखा प्रस्तुत करने का निर्देश जारी कर दिए हैं, जिसमे दाल के स्टॉक की मात्रा भारत सरकार के पोर्टल पर एंट्री करवाना है  जिससे इस कोरोना संक्रमण काल में व्यापारियों में असंतोष व्याप्त है सरकार के इस तरह के आदेश के पालन के लिए दाल व्यापारियों को नये कर्मचारी की नियुक्ति करना पड़ेगा मौजूदा व्यापार के ऐसे हालातों में व्यापारियों को खर्च बहन करना सम्भव नहीं हैं।
3. देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में भारत के सभी राज्यों में कोरोना महामारी ने विकराल रूप ले रखा है, कोरोना के अनेक प्रकार (variant) से आमजन संक्रमित हो कर इन बीमारियों से जूझ रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में देश के सभी राज्यों में कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन के कारण सभी उद्योग धंधे एवं कारोबार ठप्प पड़े हैं। दाल कारोबारी  में कार्यरत मुनीम,,मजदूर आदि कर्मचारी कर्फ्यू और लॉकडाउन होने के बाद से काफी संखया मे छुट्टी पर चल रहे हैं ।
4. कई जगह व्यापारी कर्मचारी  एवं उनके पारिवारिक सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए हैं, जिससे लोग काफी हताश एवं परेशान है  ऐसे में कर्मचारी छुट्टी लेकर  ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं जिससे व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है ऐसे में मौजूदा हालातो को दृष्टिगत रखते हुए दाल का अलग से आदेश की जानकारी देना व्यापारियों के लिए बहुत बडी समस्या है इस प्रकरण में व्यापारियों को न्याय देना महत्वपूर्ण है ।
5. केंद्र सरकार के इस निर्णय से दाल  व्यापारियों और अन्य खाद्य कारोबारी संस्थानों में भय का वातावरण निर्मित हो गया है क्योंकि मौजूदा समय में दालों के दाम काफी कम है और उत्तर प्रदेश में दालों की पैदावार भी कम है यही नहीं उत्तर प्रदेश में दालों के आयात करता भी बहुत कम है प्रदेश में भारत के अनेक राज्यों से दाल आतीं हैं ऐसे में कोरोना महामारी मे व्यापार बेहद  ख़राब दौर से गुजर रहा है जब जीयसटी एव मण्डी समिति के पास कारोबार का लेखा-जोखा उपलब्ध है तो अलग से व्यापारियों को इस जानकारी से मुक्त किया जाएँ ।
अतः आप माननीय जी से हार्दिक  अनुरोध है कि देश में कोरोना संक्रमण काल की विषम परिस्थितियों को देखते हुए दाल  व्यापारियों के लिए जारी  स्टॉक की साप्ताहिक जानकारी प्रस्तुत करने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार कर निरस्त करने की महती कृपया करें ।

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