यूनिसेफ के सहयोग से धर्मगुरूओं के जरिये दूर की जाएगी मन की भ्रांति

रणविजय मेल न्यूज डेस्क


 गोरखपुर, कोविड टीकाकरण के लिए लोगों के बीच जनजागरूकता लाने के लिए मदरसा शिक्षकों के संवेदीकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग ने धर्मगुरूओं की तरफ भी हाथ बढ़ाया है। विभाग यूनिसेफ संस्था की मदद से धर्मगुरूओं के जरिये लोगों के मन से कोविड टीकाकरण के प्रति भ्रांतियों को दूर करेगा। इसी कड़ी में खूनीपुर स्थित मदरसा अंजुमन में उलेमाओं और गणमान्य लोगों की बुधवार को बैठक कर उनसे टीकाकरण में सहयोग मांगा गया। बैठक में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय भी पहुंचे और टीकाकरण का महत्व बताया। अध्यक्षता कर रहे अंजुमन इस्लामिया मदरसा कमेटी के अध्यक्ष महबूब सईद रईस ने स्वास्थ्य विभाग, जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और यूनिसेफ संस्था को आश्वस्त किया कि टीकाकरण बढ़ाने के लिए उनकी तरफ से पूरा योगदान दिया जाएगा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय का कहना है कि यूनिसेफ संस्था सामुदायिक संवाद कार्यक्रमों के जरिये टीकाकरण का प्रतिशत बढ़ाने में योगदान दे रही  है। डब्ल्यूएचओ, यूएनडीपी और सीएचएआई संस्थाएं तकनीकी सहयोग कर रही हैं।  स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) टीकाकरण बढ़ाने के लिए मीडिया संचार के जरिये तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। सभी के सम्मिलित प्रयासों का लक्ष्य है कि रोजाना के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष टीकाकरण को बढ़ाया जाए। इसी कड़ी में धर्मगुरूओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। चूंकि उनका समुदाय पर गहरा प्रभाव होता है, इसलिए अगर वह कोई अपील करते हैं तो लोग टीकाकरण के लिए आगे आएंगे। वर्चुअल कार्यक्रमों और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रमुख लोगों को संवेदीकृत किया जा रहा है ताकि उनके जरिये समुदाय तक प्रमुख संदेश पहुंच सके।

यूनिसेफ संस्था के ड्रिस्ट्रिक्स मोबिलाइजेशन ऑफिसर (डीएमसी) गुलजार त्यागी द्वारा धर्मगुरूओं को टीकाकरण के महत्ता के बारे में जानकारी दी गयी। उन्हें बताया गया कि अगले माह से कलस्टर अप्रोच के जरिये टीकाकरण के कैंप लगाए जाएंगे। एक ब्लॉक को 10-12 कलस्टर में बांट कर टीकाकरण किया जाएगा और उससे पहले मोबिलाइजेशन टीम लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करेगी। दोनों प्रकार की टीम का पूरा सहयोग किया जाना चाहिए। धर्मगुरूओं से कहा गया कि वह लोगों के मन से इस भ्रांति को दूर करें कि टीकाकरण से मर्दानगी पर कोई असर पड़ता है। सिर्फ गर्भवस्था में टीकाकरण नहीं होना है। बाकी 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग टीका लगवा सकते हैं। गंभीर सहरुग्णता (ह्रदय रोगी, कैंसर रोगी आदि) अपने चिकित्सक के परामर्श पर टीका लगवाएंगे। इस अवसर पर प्रधानाचार्य रफीउल्ला, वार्ड मेंबर संजीव सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

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