27 दिन से लापता किशोर का नदी में मिला शव

डॉ0 एस0 चंद्रा

       बस्ती : 27 दिनों से लापता किशोर का शव शनिवार को मनोरमा नदी में मिला। शव की पहचानना जेब से मिले आधार कार्ड से हुई। शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। वहीं, परिजनों किशोर की हत्या की आशंका जताई हैं। मामले को प्रेम-प्रसंग से भी जोड़ा जा रहा है।

कप्तानगंज थानाक्षेत्र के परसरपुरा गांव का रहने वाला श्रवण कुमार (17) पुत्र राजकुमार गांव के ही दोस्त के साथ 20 जून को बाइक से दुबौलिया थानाक्षेत्र के उभाई गांव में रिश्तेदारी के लिए निकला था। आरोप है कि देर रात श्रवण किसी लड़की से बात कर रहा था, तभी गांव के लोगों ने उसे घेरकर पीट दिया।

पड़ोसी दोस्त बाइक लेकर वहां से भाग निकला। ग्रामीणों ने श्रवण को गांव के उत्तर मनोरमा नदी तक खदेड़ा था। दो दिनों तक डर के कारण दोस्त ने श्रवण के घर वालों को कुछ नहीं बताया। इधर जब वह घर नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू की गई। पता चला कि श्रवण को ग्रामीणों ने पिटाई करके नदी की तरफ खदेड़ा था।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया

23 जून को परिजनों ने उभाई गांव के नदी के किनारे तलाश की तो उसका जूता तटबंध पर पड़ा मिला। तभी से परिजनों ने श्रवण के साथ अनहोनी की आशंका जता रहे थे। परिजनों ने घटना की लिखित सूचना कप्तानगंज थाने पर दी थी। कप्तानगंज पुलिस मामले को दुबौलिया थाने का बताकर टरका दिया था। दोनों थानों की पुलिस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दी।

इधर शनिवार को दोपहर 12 बजे में कप्तानगंज थाने के टिकरिया गांव के पास जलकुंभी में फंसा सड़ा-गला शव मछुवारों ने देखा। कुछ ही देर में देर में आसपास गांव के लोग जुट गए। सूचना पर श्रवण कुमार के परिजन भी पहुंच गए। पैंट में मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई। सूचना पर कप्तानगंज थाने की पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा।

घटना से परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। श्रवण की माता निर्मला देवी घर पर रहती हैं। वह अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा था। छोटा भाई गोविंद और बहन अभी पढ़ाई कर रही हैं। कप्तानगंज के प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि मामले में छानबीन की जा रही है।

कप्तानगंज थानाक्षेत्र के परसपुरा गांव के रहने वाले किशोर श्रवण के परिजनों ने कप्तानगंज और दुबौलिया पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उसके पिता राजकुमार और चाचा कमलेश ने बताया कि श्रवण के साथ अनहोनी की आशंका तभी हो गई थी, जब उसका जूता नदी के किनारे मिला था। लेकिन दोनों थानों की पुलिस मामले को टरकाती रही। मैंने मामले की लिखित सूचना नामजद करते हुए दिया, लेकिन कप्तानगंज पुलिस गुमशुदगी दर्ज करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दी। अगर पुलिस मामले को गंभीरता से लिया होता तो शायद श्रवण की जान बच जाती। एसपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच की जा रही है। यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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