यूपी में कोरोना के पहले कप्पा वैरिएंट मरीज ने तोड़ा दम, गोरखपुर में चल रहा था इलाज

डॉ0 एस0 चंद्रा

        गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के लिए गुरुवार दोपहर एक परेशान करने वाली खबर सामने आई है। यहां कोरोना के कप्पा वैरिएंट मरीज ने दम तोड़ दिया है। वह कई दिनों से बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती था। मृतक संतकबीरनगर जिले का रहने वाला था। उसकी उम्र 66 साल बताई जा रही है। इसे अप्रैल में यूपी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया है। इसकी पुष्टि माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने की है।

कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट बेहद खतरनाक माना जा रहा है। इसे हाल ही में भारत में वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया गया है। इसका अर्थ यह है कि यह वह स्वरूप है, जो बहुत घातक है। देश के कई राज्यों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। इसकी वजह से कई मरीजों की मौत हो चुकी है। यूपी में संभवत: डेल्टा प्लस का पहला मामला गोरखपुर में मिला है। जानकारी के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयोलॉजी टीम ने 30 कोरोना संक्रमितों का नमूना अप्रैल और मई में जुटाया था।

जीनोम सीक्वेसिंग के लिए इन नमूनों को आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव) दिल्ली भेजा था। इसकी रिपोर्ट बुधवार को आई। 27 मरीजों में डेल्टा, दो मरीजों में डेल्टा प्लस और एक में कप्पा वैरिएंट का स्वरूप मिला है।

वहीं जांच में पता चला है कि कोरोना की दूसरी लहर में गोरखपुर में डेल्टा प्लस, डेल्टा और कप्पा वैरिएंट ने तबाही मचाई थी। 30 मरीजों की जीनोम सीक्वेसिंग जांच से कोरोना के घातक व अत्यधिक संक्रमण वाले नए वैरिएंट की जानकारी मिली है। डेल्टा प्लस से संक्रमित देवरिया के 66 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो चुकी है। जबकि दूसरी संक्रमित मेडिकल की छात्रा होम आईसोलेशन में रहकर अब स्वस्थ है। दोनों ही मरीजों की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है। वहीं, घातक व अत्यधिक संक्रमणकारी वैरिएंट कप्पा वैरिएंट का मरीज मिलने से गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया था। गुरुवार सुबह उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसके बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।

बता दें कि अप्रैल-मई माह में जिले में कोरोना का संक्रमण बहुत तेज था। औसतन 1000 के आसपास मरीज प्रतिदिन मिल रहे थे। ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में जगह नहीं मिल पा रही थी। लेकिन वायरस के नए स्वरूप की जानकारी नहीं थी। डेल्टा, डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट की चर्चा पूरी दुनिया में थी।

इस बीच माइक्रोबायोलॉजी की टीम ने अप्रैल और मई माह में 15-15 मरीजों के सैंपल जीनोम सीक्वेसिंग जांच के लिए आईजीआईबी दिल्ली भेजा। रिपोर्ट आई तो वायरस के स्वरूप के बारे में पता चला। बताया जा रहा है कि प्रदेश में डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट का यह पहला मामला था। अब तक प्रदेश में केवल डेल्टा के मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई थी।



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