गोरखपुर के आरटीओ कार्यालय में नहीं बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस

डॉ0 एस0 चंद्रा

      गोरखपुर : आगामी नौ जुलाई से आइटीआइ (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) चरगांवा स्थित नवनिर्मित ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र (डीटीआइ) में ड्राइविंग लाइसेंस बनेंगे। परिवहन विभाग ने लाइसेंस से संबंधित कार्य डीटीआइ से कराने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए लाइसेंस से संबंधित सिस्टम डीटीआइ में शिफ्ट होने लगे हैं। इसके अलावा सिविल लाइंस स्थित परिवहन विभाग का कार्यालय (आरटीओ दफ्तर) भी अगले सप्ताह गीडा के नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा।

बनाए गए हैं पांच अति आधुनिक ट्रैक और सेमुलेटर

    लगभग 489.56 लाख रुपये की लागत से बने डीटीआइ में पांच अति आधुनिक ट्रैक और सेमुलेटर बनाए गए हैं। हास्टल और कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। नई व्यवस्था के तहत अब ट्रैक पर टेस्ट लेने के बाद ही अभ्यर्थियों के परमानेंट ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस जारी किए जाएंगे। लाइसेंस जारी करने के अलावा डीटीआइ में युवाओं को दक्ष चालक भी बनाया जाएगा। कोई भी व्यक्ति नियमानुसार निर्धारित शर्तों को पूरा करते हुए प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। प्रशिक्षण के लिए न्यूनतम एक माह की अवधि निर्धारित है। प्रशिक्षण के साथ यातायात के नियमों की भी समुचित जानकारी दी जाएगी।

प्रशिक्षण शुरू होने की तिथि अभी तय नहीं

प्रशिक्षु न्यूनतम शुल्क वहन कर अपने घर से, क्वार्टर लेकर या हास्टल में रहकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। शुल्क का निर्धारण नहीं हुआ है। हालांकि, प्रशिक्षण कब से शुरू होगा। यह तय नहीं हो पाया है। दरअसल, अधिकतर मार्ग दुर्घटनाएं अप्रशिक्षित वाहन चालकों की वजह से ही होती हैं। वर्ष 2020 में 34243 सड़क दुर्घटनाओं में 19149 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। डीटीआइ खुल जाने से ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस की प्रक्रिया में पारदर्शिता तो आएगी ही दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा। यहां जान लें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीटीआइ, चरगांवा और गीडा स्थित नए आरटीओ दफ्तर का लोकार्पण कर दिया है।

अब गीडा दफ्तर से होंगे वाहनों से संबंधित कार्य

डीटीआइ चरगांवा में सिर्फ लाइसेंस से संबंधित कार्य होंगे। परिवहन विभाग के शेष वाहनों से संबंधित कार्य (फिटनेस, पंजीकरण, नवीनीकरण और टैक्स आदि) के कार्य गीडा के नवनिर्मित दफ्तर से किए जाएंगे। सिविल लाइंस स्थित आरटीओ दफ्तर खाली हो जाएगा। दरअसल, आरटीओ दफ्तर जर्जर भवन में चलता है। जहां कर्मचारियों को बैठने तथा फाइलों को रखने तक की जगह नहीं है। हल्की बारिश में छत टपकने लगता है। परिसर में जगह के अभाव में अभ्यर्थियों के लाइसेंस से संबंधित टेस्ट की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाती।

गोरखपुर की संभागीय परिवहन अधिकारी अनिता सिंह का कहना है कि चरगांवा स्थित डीटीआइ में नौ जुलाई से ड्राइविंग लाइसेंस बनने लगेंगे। दस दिन के अंदर आरटीओ दफ्तर भी गीडा के नए भवन में स्थानांतरित हो जाएगा। स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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