‘‘आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, आपदा में है सरकार की पूरी तैयारी’’ के नारे पर जोर

 गोरखपुर, एक जुलाई से शुरू हुए विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह के दौरान सात प्रमुख संदेशों पर जोर दिया जा रहा है, जिनके जरिये दिमागी बुखार पर काबू पाया जा सकता है। एलईडी वाहनों और अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं के जरिये समुदाय को सात व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बुखार के रोगियों की खोज के साथ-साथ जनजागरूकता के प्रयासों की कड़ी में सरकार के इस नारे पर जोर है, ‘‘आपकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, आपदा में है सरकारी की पूरी तैयारी ।’’

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के. एन. बरनवाल का कहना है कि इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण में व्यवहार परिवर्तन की अहम भूमिका है। अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं और प्रचार-प्रसार के जरिये लोगों को सात तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिससे बीमारी पर नियंत्रण होगा। साथ ही लोगों को कोविड टीके के फायदे के बारे में समझाया जा रहा है। ‘‘टीका असरदार, लगवाएं समझदार’’ का नारा भी लोगों तक

पहुंचाने का प्रयास है। यह भी बताया जा रहा है कि बुखार होने पर बच्चों को बिना किसी देरी के उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाना है, क्योंकि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है। अभियान के दौरान

टीबी, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, बुखार, कोविड, कालाजार और कुपोषण के रोगियों को ढूंढा जा रहा है।

यह हैं सात संदेश

 नियमित टीकाकरण सत्र में दो साल तक के बच्चों को जापानीज इंसेफेलाइटिस का टीका लगवाएं।


 घरों के आसपास साफ-सफाई रखें।


 मच्छर से बचने के लिए पूरी बाह वाली कमीज और पैंट पहनें।


 स्वच्छ पेयजल पीयें।


 आसपास जलजमाव न होने दें।


 कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें।


 खुले में शौच न करें, साबुन पानी से हाथ धोएं, रोजाना स्नान करें और शिक्षक, विद्यार्थियों की साफ- सफाई का ध्यान रखें ।


बुखार में देरी पड़ेगी भारी

श्री बरनवाल ने बताया कि लोगों को जो सबसे प्रमुख आचरण व्यवहार में लाना है, वह बुखार होने पर लापरवाही न बरतने का है। किसी भी प्रकार का बुखार हो फौरन प्रशिक्षित चिकित्सक से संपर्क करें और उनकी सलाह से ही इलाज करें। बुखार में देरी पड़ेगी भारी का नारा इसलिए दिया गया है। उन्होंने बताया कि

बीमारियों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं।

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