अचानक पांच वन्य जीवों की मौत से मचा हड़कंप, चुपचाप कर दिया गया अंतिम संस्कार

डॉ0 एस0 चंद्रा

        गोरखपुर : शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में मई माह के अंतिम सप्ताह में पांच वन्य जीवों की मौत हो गई। मरने वाले जीवों में दो मोर, एक बोनेट बंदर और दो मगरमच्छ शामिल हैं। प्राणि उद्यान प्रबंधन ने चुपचाप इनका अंतिम संस्कार कर दिया। चिड़ियाघर को जनता के लिए खुले अभी तीन माह भी नहीं हुए हैं। ऐसे में पांच वन्य जीवों की मौत से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।

जानकारी के अनुसार, प्राणि उद्यान के अंदर बाड़े में ही दोनों मोरों की मौत हुई है। बताया गया कि एक मोर ने प्लास्टिक का रबर (व्हील कैप का टाई, इसी से प्लास्टिक के पाइप बांधे जाते हैं) खा लिया था। जबकि दूसरे ने बाड़े के अंदर कांच की गोली निगल ली थी। चिड़ियाघर के निदेशक ने बताया कि बारिश के दौरान दबी मिट्टी में से कांच बाहर आ गया होगा। जिसे मोर ने खा लिया।

मोरों के बाड़े में कांच का टुकड़ा और रबर का पाया जाना कई सवाल खड़े करता है। निदेशक मोर के राष्ट्रीय पक्षी होने की बात स्वीकारते हुए अंतिम संस्कार करने की बात कही, लेकिन अंतिम सम्मान में क्या किया, नहीं बता सके। हां, इलेक्ट्रॉनिक मशीन से अंतिम संस्कार जरूर किया गया। प्रबंधन का कहना है कि सभी जानवरों की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट केंद्रीय चिड़ियाघर के साथ अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है।

बाडे़ में आकर सांप ने बंदर को काट लिया....?

बताया गया कि बोनेट बंदर की मौत सांप के डंसने से हुई है। सवाल यह है कि जब चिड़ियाघर के अंदर बाहर से सांप आकर बंदर को डंस सकता है तो अंदर घूमने वाले लोग कितने सुरक्षित हो सकते हैं? यह भी कि जानवरों की देखरेख करने वाले कर्मचारियों को इसकी भनक क्यों नहीं लगी? निदेशक का कहना है कि बाड़ों के अंदर पानी आने-जाने की जगह होती है, उसी जगह से सांप आ गया होगा।

आपस में लड़कर मर गए दो मगरमच्छ..?

चिड़ियाघर में कानपुर जू से मगरमच्छ लाए गए थे। इन्हें पॉड में रखा गया था। एक पॉड में पांच मगरमच्छ रखे गए थे। मई के अंतिम सप्ताह में पांचों मगरमच्छ आपस में भिड़ गए। सूचना पाकर कर्मचारी पहुंचे लेकिन मगरमच्छों के बीच जाकर उन्हें अलग करने का प्राणि उद्यान प्रबंधन के पास कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में जब झगड़ा खत्म हुआ तो दो मगरमच्छ मर चुके थे। सवाल उठता है कि जब मगरमच्छ लाए गए तो इस तरह की परिस्थितियों से निपटने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई ?

चिड़ियाघर निदेशक एच राजामोहन ने कहा कि पिछले दिनों कुछ वन्य जीवों की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद इनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। इस समय चिड़ियाघर में कुल 156 वन्य जीव हैं।

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