गोरखपुर का सूबे में अनोखा प्रयोग

गोरखपुर, परिवार नियोजन कार्यक्रमों को और सशक्त बनाने के लिए गोरखपुर जिले ने प्रदेश में लीक से हट कर प्रयोग किया है । जिले में परिवार नियोजन काउंसलर्स की संख्या पांच हुआ करती थी, जिससे पूरा जिला कवर नहीं हो पाता था । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. नंद कुमार ने इस कमी को पूरा करने के लिए एएनएम काउंसलर का प्लान अपनाया । जिले के काउंसलर विहीन ब्लॉक में एएनएम को प्रशिक्षित कर परिवार नियोजन काउंसलर के तौर पर तैयार किया गया । इस सोच को उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) की मदद से साकार किया जाने लगा है। अब जिले में काउंसलर्स की संख्या चौबीस हो चुकी है। इन सभी को सोमवार को देर शाम तक विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।

परिवार नियोजन काउंसलर का मुख्य कार्य निजता का ध्यान रखते हुए योग्य दम्पत्ति को परिवार नियोजन के मनपसंद साधनों का चुनाव करने में मदद करना है। वह दम्पत्ति के हर जिज्ञासा का समाधान करती हैं । जीरो ह्यूमन रिसोर्स कॉस्ट पर जिले में 19 एएनएम को काउंसलर स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए यूपीटीएसयू की स्टेट टीम को बुलाया गया था। टीम के कार्यक्रम विशेषज्ञ ने प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के महत्व एवं अग्रिम कार्य योजना, प्रशिक्षण विशेषज्ञ ने काउंसिलिंग स्किल्स, एसोसिएट ट्रेनिंग ने परिवार नियोजन की विधियों और गुणवत्ता विशेषज्ञ ने परिवार नियोजन में गुणवत्ता विषय पर सभी काउंसलर्स को प्रशिक्षित किया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंद कुमार ने बताया कि सभी 24 काउंसलर्स को महीने में एक बार प्रशिक्षित किया जाएगा । एएनएम को काउंसलर का प्रशिक्षण दिये जाने से सभी केंद्रों पर परिवार नियोजन कार्यक्रम सशक्त होंगे। गोरखपुर में यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ का इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान है। काउंसलर्स के जरिये प्रयास होगा कि गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाएं दी जाएं।

कई बारीक जानकारियां मिलीं

भटहट सीएचसी की एएनएम काउंसलर सरिता यादव ने बताया कि पहले भी परिवार नियोजन के संबंध में परामर्श दिया जाता रहा है, लेकिन सोमवार को मिले प्रशिक्षण में बारीक से बारीक चीजें बतायी गयीं। इनका लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाया जाएगा । ब्रह्मपुर की एएनएम काउंसलर शांति वर्मा ने बताया कि नर्सिंग की पढ़ाई के दौरान भी कंट्रासेप्टिव्स की जानकारी दी जाती है लेकिन प्रशिक्षण के जरिये कई नयी चीजें बतायी गयी हैं। जैसे कि यह सिखाया गया है कि अगर धात्री महिला है तो उसे साप्ताहिक गोली छाया अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। खोराबार की एएनएम काउंसलर रचना मिश्रा का कहना है कि प्रशिक्षण के जरिये काउंसलर्स की शंकाओं का समाधान किया गया है। बताया गया कि किस प्रकार से क्लाइंट्स को उसका मनपसंद साधन अपनाने के लिए प्रेरित करना है।

नयी व्यवस्था से होगा फायदा

वर्ष 2013 से फैमिली प्लानिंग काउंसलर के तौर पर सेवा दे रहीं और इस समय सरदारनगर में तैनात ज्योतिरमा राय का कहना है कि पहले उन स्थानों पर अच्छे परिणाम आते थे, जहां परिवार नियोजन काउंसलर हुआ करते थे। अब एएनएम को भी काउंसलर का प्रशिक्षण दिये जाने से सभी जगहों पर यह सुविधा प्राप्त होगी । काउंसिलिंग एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, इसलिए प्रत्येक क्षेत्र में काउंसलर की आवश्यकता होती है। कई बार क्लाइंट परिवार नियोजन के साधनों को बदलना या छोड़ना चाहता है । ऐसे में काउंसलर उसे सही जानकारी प्रदान करती है और निर्णय लेने में मदद करती है।

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