
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अंगद सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए. के. चौधरी की निगरानी में यह अभियान मलेरिया विभाग की टीम चलाएगी । टीम की निगरानी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दिशा-निर्देशों के अनुसार अन्य अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सहायक मलेरिया अधिकारी भी लगाए गये हैं । नोटिफाइबल डिजीज संबंधित वर्ष 2016 के शासनादेश के मुताबिक जनस्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले व्यक्ति या संस्थानों पर पहली बार चेतावनी और नोटिस जारी करने, जबकि एक सप्ताह बाद अगर पुनः जलस्रोत पाए जाते हैं तो अर्थदंड का प्रावधान है । इस संबंध में मलेरिया इंसपेक्टर और फाइलेरिया इंसपेक्टर को प्रशिक्षित कर क्षेत्र में उतारा गया है । कार्यवाही के अलावा लोगों को जागरूक करने का भी दायित्व सौंपा गया है ।
डॉ. सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान देखा जाएगा कि जो जलस्रोत खाली करने योग्य न हों वहां पर नगर निगम से समन्वय स्थापित कर एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाएगा । जिले में डेंगू और अन्य मच्छरजनित रोगों की जांच के लिए सभी 19 सीएचसी-पीएचसी, 127 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और 23 शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर किट रखे गये हैं । अगर किसी को भी बुखार आता है तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं । लक्षणों के अनुसार उसे जांच की सुविधा प्राप्त होगी । बुखार में अपने मन से दवा नहीं खाना है और न ही किसी अप्रशिक्षित डॉक्टर से दवा लेनी है ।
ऐसे होता है डेंगू का तेजी से प्रसार
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू का वाहक मच्छर जैसे ही किसी स्वस्थ शरीर के व्यक्ति में डेंगू वायरस छोड़ता है, वह व्यक्ति महज छह से 12 घंटे के भीतर संक्रमित से संक्रामक व्यक्ति बन जाता है । यानि वह दूसरे को संक्रमित करने की स्थिति में आ जाता है । दो से सात दिन तक वह एक संक्रामक व्यक्ति के तौर पर रहता है । इस समयावधि में उसके जरिये डेंगू वायरस इसी रफ्तार से अन्य लोगों में फैलने लगता है । अगर छोटे जलस्रोतों को साफ रखा जाए और इसके लार्वा को नष्ट कर दिया जाए तो बीमारी के संक्रमण को रोका जा सकता है । इस मौसम में लोगों को पूरे बांह के कपड़े पहनने चाहिए, मच्छरदारी का प्रयोग करें और आवश्यकतानुसार मच्छर क्वायल का भी इस्तेमाल करें। डेंगू से बचाव के लिए दिन में सतर्कता आवश्यक है ।
यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू
• तेज बुखार
• त्वचा पर चकत्ते
• तेज सिर दर्द
• पीठ दर्द
• आंखों के पिछले हिस्से में असह्य में दर्द
• मसूड़ों से खून बहना
• नाक से खून बहना
• जोड़ों में दर्द
• उल्टी
• डायरिया
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