गोरखपुर, (रामकृष्ण पट्टू) जनपद में संचारी रोगों को नियंत्रित करने और कोविड टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने में अब नगर निगम के पार्षद मदद करेंगे। यह अभियान आगामी 18 अक्टूबर से 17 नवम्बर तक चलेगा। इस संबंध में यूनिसेफ के सहयोग से महापौर सीताराम जायसवाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय की वर्चुअल मौजूदगी में पार्षदों को मंगलवार को वर्चुअली संवेदीकृत किया गया। सीएमओ ने पार्षदों से कहा कि उनके सहयोग से ही दोनों अभियान सफल होंगे, वहीं महापौर और उपसभापति ऋषी मोहन वर्मा ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस बार हुई भारी बारिश के कारण मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया आदि बीमारियों के प्रसार की आशंका बढ़ गयी है । कोविड के मामले नहीं आ रहे हैं लेकिन उन पर भी निगरानी रखने की आवश्यकता है । इसी कड़ी में विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह का आयोजन किया जा रहा है जिसमें नगर निगम एक सहयोगी विभाग है । निगम के पार्षद अगर अपने वार्ड में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मदद करें तो अभियान सफल होगा। उन्होंने कहा कि पार्षदों को जहां कहीं भी स्वास्थ्य विभाग के मदद की आवश्यकता होगी, पूरा सहयोग किया जाएगा ।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया इस बीच कोविड टीकाकरण का प्रथम डोज लेने वालों की संख्या कम हुई है और बूथों पर भीड़ कम हो रही है । पार्षद अपने इलाकों के लिए अगर आवेदन देते हैं तो वहां भी कोविड टीकाकरण बूथ लगाया जाएगा। लोगों को प्रेरित किया जाए कि वह टीके की दोनों डोज अवश्य लें और कोविड नियमों का पालन जारी रखें ।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने पीपीटी प्रस्तुति के माध्यम से अभियान में नगर निगम की भूमिका के बारे में जानकारी दी । जेई-एईएस कंसल्टेंट डॉ. सिद्धेश्वरी सिंह ने खुले सत्र में पार्षदगण से सवाल आमंत्रित किये जिस पर पार्षद रणंजय सिंह जुगनू, जितेंद्र चौधरी आदि ने सवाल पूछे और अपने सुझाव दिये । कार्यक्रम को यूनिसेफ के डीएमसी हसन फईम, नीलम यादव, महापौर के पीए आरिफ सिद्दीकी ने भी संबोधित किया ।
इस तरह से करेंगे सहयोग
• घरों के अंदर और बाहर जलजमाव के कारण हो रहे मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना ।
• मच्छरों के प्रजनन वाली ऐसी जगहों को नष्ट करवाना । फागिंग के साथ एंटी लारवल का छिड़काव करवाना ।
• नगरीय क्षेत्र में पेयजल की पाइपलाइन को नियमित तौर पर चेक करवाना ।
• पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित कराना और क्लोरिनेशन।
• लोगों को कोविड टीकाकरण और संचारी रोगों के नियंत्रण के बारे में जागरूक करना ।
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