जेल में बंद पुलिसकर्मियों को सता रही घर की याद

गोरखपुर; कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड व संविदा स्वास्थ्यकर्मी शहाना को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपित स्वजन से बात करने के लिए परेशान है। जेल के पीसीओ से बात करने के लिए उन्होंने जेल प्रशासन को अपने स्वजन का मोबाइल नंबर दिया है। जिसका वेरिफिकेशन कराया जाएगा। स्थानीय थाने से वेरिफिकेशन रिपोर्ट आने के बाद जेल प्रशासन बातचीत करने की अनुमति देगा।

मनीष हत्या के आरोप में छह और शहाना के खुदकुशी में दरोगा जेल में है बंद;

तारामंडल के होटल कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी के मनीष गुप्ता की मौत मामले में हत्यारोपित बनाए गए इंस्पेक्टर जेएन सिंह,दारोगा अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दूबे, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत जिला कारागार के नेहरु बैरक में बंद है। इसी बीच कोतवाली इलाके में खुदकुशी करने वाली महिला अस्पताल की संविदा स्वास्थ्यकर्मी शहाना को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में एलआइयू के स्पेशन ब्रांच के दारोगा राजेंद्र सिंह भी जेल के मिलेनियम बैरक में बंद है।

जेएन सिंह और उनके साथी आरोपितों से मिलने के लिए उनके अपने पहुंचे थे लेकिन अभी तक राजेंद्र सिंह से मिलने कोई नहीं पहुंचा है। दो दिन पहले राजेंद्र ने स्वजन को चिट्ठी लिखी थी।अब बातचीत करने के लिए बेटे का मोबाइल नंबर दिया है।मोबाइल नंबर का सत्यापन होने के बाद पुलिसकर्मी सप्ताह में एक दिन जेल के पीसीओ से बात कर सकेंगे।

स्थानीय पुलिस लगाएगी रिपोर्ट

जेएन सिंह अमेठी जिले के मुसाफिरखाना थाना, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा बलिया जिले के नरही, विजय यादव निवासी जौनपुर के थाना बक्सा, राहुल दुबे मिर्जापुर के कोतवाली देहात क्षेत्र, मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव, आरक्षी प्रशांत गाजीपुर के थाना सैदपुर और राजेंद्र सिंह बलिया जिले के रेवती थानाक्षेत्र के रहने वाले हैं।जेल से पत्र जाने के बाद स्थानीय पुलिस दिए गए नंबर का वेरिफिकेशन करेगी।वहां से रिपोर्ट आने के बाद पुलिसकर्मी अपने स्वजन से फोन पर बात कर सकेंगे।

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