शहर के मधुसूदन होम्स में युवा लेखक, कवि, निर्माता और कलाकार की पुस्तक ‘‘द म्यूज़िक ऑफ साइलेंस’’ का विमोचन

 दिमाग को प्रशिक्षित करने की कला सीखाती है अश्विन आलोक की पुस्तक

गोरखपुर, (रामकृष्ण पट्टू)युवा निर्माता, कवि, कलाकार और लेखक अश्विन आलोक की पुस्तक ‘‘द म्यूज़िक ऑफ साइलेंस’’ दिमाग को प्रशिक्षित करने की कला सीखाती है। यह बताती है कि जीवन का अधिकतम लाभ कैसे उठाया जा सकता है । नई पीढ़ी के रचनाकारों और क्रियेटिव नेचर वाले युवाओं को यह पुस्तक ज़रूर पढ़नी चाहिए । उक्त बातें SKAE के संस्थापक और निदेशक पुनीत अग्रवाल ने कही । वह मधुसूदन होम्स में पुस्तक के अनावरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अथिति संबोधित कर रहे थे ।

 श्री अग्रवाल ने कहा कि इस पुस्तक में युवा कवि से फिल्म निर्माता बने अश्विन आलोक ने स्वयं के अनुभवों को भी साझा किया है, जो उन्हें मस्तिष्क की कंडीशनिंग के लिए प्रेरित करते हैं । पुस्तक का पहला खंड आत्मकथा है जिसमें उपलब्धियों और संघर्षों के बारे में बताया गया है। दूसरे खंड में यह समझाया गया है कि हमारा दिमाग कैसे काम करता है । साथ ही यह जांचने की तकनीक भी बतायी गई है कि हम अपने दिमाग को नियंत्रित करते हैं या फिर हमारा दिमाग हमे नियंत्रित करता है ।

 इस मौके पर युवा निर्माता, कलाकार और लेखक अश्विन आलोक ने बताया कि पुस्तक में उस सिद्धांत पर जोर दिया गया है जिसने उन्हें खुद को एक सकारात्मक इंसान और एक सफल पेशेवर में बदलने के लिए प्रेरित किया है । ‘‘द म्यूज़िक ऑफ साइलेंस’’ एक सेल्फ हेल्प बुक है जिसमें उन्होंने डिज़्नी प्लस हॉट स्टार पर ‘नो वन’ से ‘फिल्म मेकर’ तक के खुद के सफ़र को साझा किया है । किताब के पहले खंड में उन्होंने उन सभी प्रकार की चुनौतियों पर द्यान केंद्रित किया है जिनका सामना उन्होंने किया और उन सभी पर काबू पाने के लिए माइंड कंडीशनिंग तकनीकों का उपयोग किया ।

 उन्होंने बताया कि पुस्तक के अंत में जीवन, प्रेम और करियर से जुड़े कई सवालों के जवाब दिये गये है जो उन लोगों के लिए मददगार हैं जो अपने जीवन में रोजाना संघर्षों का सामना कर रहे हैं । पुस्तक के दूसरे खंड में असाधारण दिमाग के निर्माण के लिए अश्विन के दस सिद्धांत और एक आकर्षक व्यक्तित्व के विकास के लिए अश्विन के सात सिद्धांत भी शामिल हैं ।

 कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. मुस्तफ़ा खान ने बताया कि 7 मई 1995 को बिहार के पटना में जन्मे अश्विन आलोक क्रियेटिव क्रू में एक फिल्म निर्माता और संस्थापक हैं । वह माइंडकॉलिंग में संस्थापक और व्यवहार परिवर्तन विशेषज्ञ हैं । वह एक ISSA सर्टिफाइड एलीट फिटनेस ट्रेनर भी हैं, जो तीन प्रमाणपत्रों का एक संयोजन है: सर्टिफाइड फिटनेस ट्रेनर (2014), फिटनेस न्यूट्रिशन के विशेषज्ञ (2016), और बिहेवियरल ट्रांसफॉर्मेशन स्पेशलिस्ट (2019)। अश्विन ने 2016 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (ऑनर्स) में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और सूचना प्रणाली (2018) में एमबीए की डिग्री हासिल की। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग खत्म करने के बाद 2016 में गोल्ड जिम में फिटनेस सलाहकार और ट्रेनर के रूप में भी काम किया है। उनकी पहली पुस्तक, उनकी हिंदी कविताओं और नज़्मों का एक संग्रह, जिसका शीर्षक 'नज़्म-ए-क़ासिद' है, जनवरी 2020 में प्रकाशित हुई थी। यह अमेज़न किंडल, ऐप्पल बुक्स और गूगल बुक्स पर उपलब्ध है। उनकी कई लघु फिल्मों को आधिकारिक तौर पर चुना गया और विभिन्न फ़िल्म समारोहों में पुरस्कार जीते। उनकी एक फ़िल्म ‘ब्रेड बटर' Disney+ Hotstar पर भी स्ट्रीम करने के लिए चुनी गई । उन्होंने अपनी लघु फिल्म 'जीतेगा इंडिया' के लिए 'सर्वश्रेष्ठ अभिनेता' का पुरस्कार भी जीता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के लिए कई लघु फिल्में बनाई हैं। उन्होंने हाल ही में दिसंबर 2020 में द टाइम्स ग्रुप के साथ मिलकर यूपीएसडीएमए के लिए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। एक फिल्म निर्माता के रूप में पांच साल के अनुभव के साथ, उन्होंने चौदह फिल्म समारोह पुरस्कार जीते हैं।

 पुस्तक विमोचन के अवसर पर आरजे नवीन पांडेय, सीफॉर संस्था के क्षेत्रीय समन्वयक वेद प्रकाश पाठक समेत दर्जनों प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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