टेराकोटा उत्पादों के लिए क्लस्टर मशीन से होगा टेराकोटा उत्पादन

गोरखपुर। प्रदेश सरकार टेराकोटा शिल्प कारों के लिए कलस्टर लगाने की गुलरिया में मंजूरी दे दी गयी है टेराकोटा उत्पादक  अपने बेहतरीन क्वालिटी के उत्पादकों को गुलरिया में उत्पादन कर देश विदेश में अच्छी कीमत पर मुनाफा कमाते हुए गोरखपुर सहित प्रदेश का नाम रोशन करने का काम कर सकेंगे। जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने सीएससी क्लस्टर की स्थापना हेतु ईओआई की जिला स्तरीय समिति के साथ बैठक किया गुलरिया टेराकोटा उत्पादक अपने इस क्लस्टर के द्वारा बेहतरीन क्वालिटी के टेराकोटा के अन्य बेहतरीन वस्तुएं बना सकेंगे।

प्रदेश सरकार ने गोरखपुर जिले के एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को केंद्र सरकार के माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमएसई सीडीपी) योजना के तहत क्लस्टर निर्माण के लिए स्वीकृति दे दी है। तकरीबन 2.75 करोड़ की इस योजना के तहत टेराकोटा शिल्प को नया आयाम देने का प्रयास है।

प्रदेश सरकार ने इसे स्वीकृति देते हुए केंद्र सरकार को भेज दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से ओडीओपी के तौर पर नहीं, गोरखपुर की पहचान के रूप में टेराकोटा को इस योजना के लिए भेजा है।दक्षिण भारत में कई उत्पाद हैं जिनको केंद्र सरकार ने क्लस्टर के रूप में स्वीकृति दी है। इसका फायदा यह होता है कि उस क्लस्टर में संबंधित उत्पाद से जुड़े शिल्पकारों को एक स्थान पर अत्यंत ही उच्च तकनीक वाली मशीनें मुहैया करा दी जाती हैं, जिन्हें कोई भी लघु उद्यमी खरीदने की क्षमता नहीं रखता है।

ऐसे में उद्यमी उस स्थान पर अपने उत्पादों को काफी बेहतर गुणवत्ता का बना सकते हैं। इसके साथ ही सरकार उन्हें पास में ही बेहतर बाजार भी मुहैया करा देती है। देश के विभिन्न प्रदेशों के खरीदार को इन उत्पादों को खरीदने के लिए बहुत ज्यादा भटकना नहीं पड़ता है। खरीदार खुद उत्पादकों के पास आकर खरीदने का कार्य करेंगे।

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