गोरखपुर,(दुर्गेश) विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने डीएचएस वह कोविड-19 टीकाकरण तथा आयुष्मान भारत के संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गोरखपुर जनपद में कोविड-19 टीकाकरण प्रथम व द्वितीय डोज 4352439 लोगों को टीका लगाया जा चुका है प्रथम डोज 2645230 व द्वितीय डोज 1707209 को टीका लगाया जा चुका है 3 जनवरी 2022 से 15 वर्ष से अधिक बच्चों का टीकाकरण तथा 10 जनवरी से 60 वर्ष से अधिक लोगों का बूस्टर डोज लगाया जाएगा जिसके लिए पूर्व में लगाए जा रहे टीकाकरण को और गति देने के लिए जिलाधिकारी ने सीएचसी पीएचसी तथा जिला व महिला चिकित्सालय तथा कोविड-19 बैन द्वारा गांव गांव में लगाए जा रहे टीकाकरण को और गति देने के लिए रणनीति के तहत शत प्रतिशत लोगों को टीका लगाए जाने का दिया निर्देश क्योंकि ओमिकरांन से निपटने के लिए शत प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कराना हमारा दायित्व है जिसे पूरा करने के लिए सीएचसी पीएचसी और संबंधित डॉक्टरों का सहयोग महत्वपूर्ण है कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को और तेज करते हुये कोरोना के हालात पर चर्चा करने और स्थिति का जायजा लेने लिए एक बैठक की
कोरोना वायरस के मामले कम हो रहे हैं लेकिन जब तक छोटे से छोटे स्तर पर भी संक्रमण बना रहेगा तब तक चुनौती भी कायम रहेगी।आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के करीब 1.28 लाख अन्त्योदय परिवार योजना से जुड़े हैं जिनके 4.83 लाख सदस्यों के सापेक्ष 78,325 आयुष्मान कार्ड बने हैं । ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों के पास कार्ड उपलब्ध हो सके, इसमें वीएलई की अहम भूमिका होती है। बैठक में स्पष्ट किया गया कि जो वीएलई अपेक्षित कार्ड नहीं बनाएंगे उनका लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं | राशन कार्ड वितरण के साथ ही सभी लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा ।
अगर कोटे की दुकान से वह पात्र लाभार्थियों का पंजीकरण करता है तो अन्त्योदय कार्ड धारकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल सकेगा । इस योजना के तहत लाभार्थी परिवार को संबद्ध अस्पताल में पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती है । पहले से कार्ड होने से लाभार्थी का आसानी से वेरिफिकेशन हो जाता है और वह देश के किसी भी कोने में किसी भी संबद्ध अस्पताल से इलाज करवा सकता है । योजना का लाभ सूचीबद्ध व्यक्ति को ही मिलता है और निःशुल्क इलाज की सुविधा भर्ती हो जाने पर प्राप्त होती है । जिले में 28 सरकारी और 78 निजी अस्पताल योजना के तहत सेवा प्रदान कर रहे हैं । करीब 47500 लोगों को योजना के तहत मुफ्त इलाज लाभ मिल चुका है ।
दुनियाभर में जिन बीमारियों के कारण मृत्युदर सबसे अधिक माना जाता है, एड्स उन्हीं में से एक है। एचआईवी नामक वायरस के कारण होने वाले इस रोग को वैसे तो लाइलाज माना जाता है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में हुए अध्ययन में वैज्ञानिक इसके उपचार के तरीकों को ढंंढने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। एड्स के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनियाभर में 37.9 मिलियन (करीब 3.79 करोड़) से अधिक लोग एचआईवी या एड्स से संक्रमित हैं। स्वास्थ्य संगठन साल 2030 तक एड्स को खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। एचआईवी पर संयुक्त संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम की रिपोर्ट में कहा गया है कि एचआईवी संक्रमण की दर में उस तेजी से फिलहाल गिरावट नहीं देखने को मिल रही है जिससे साल 2030 तक इसे खत्म करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। अभी इस लड़ाई में और अधिक मेहनत की आवश्यकता है जिससे तेजी से बढ़ते इस रोग के मृत्यु एचआईवी-एड्स की रोकथाम को लेकर नए लक्ष्य निर्धारित किए थे। इसमें रोगियों तक एचआईवी सेवाओं को 95 प्रतिशत तक पहुंचाने, वार्षिक एचआईवी संक्रमण की संख्या को घटाकर 370,000 से कम करने और साल 2025 तक एड्स से संबंधित मौतों को 250,000 से कम करने का लक्ष्य रखा गया था। इससे निपटने के लिए सभी को जागरूक होना आवश्यक है। बैठक में प्रमुख रूप से सीएमओ आशुतोष कुमार दुबे एसीएमओ डॉ नंदकुमार डॉक्टर नीरज कुमार पांडेय उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल सहित अन्य संबंधित डॉक्टर मौजूद रहे।
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