एचएनसिंह चौराहे पर जीडीए ने रणधीर सिंह के कंपलेक्स को सील किया

गोरखपुर,(दुर्गेश) गैंगेस्टर रणधीर सिंह द्वारा एचएन सिंह चौराहा मेडिकल कालेज रोड पर  जबरिया कराये जा रहे निर्माण को  गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की टीम ने रणवीर सिंह द्वारा व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण कार्य जीडीए द्वारा बनवाए  गए नक्शे के विपरीत निर्माण कार्य करवाए जाने के कारण  सील किया।शाहपुर थाना क्षेत्र के एचएन सिंह चौराहे पर रणधीर सिंह का रुद्रा होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हाल व काम्पलेक्स है। इसके अलावा गलत तरीके से संपत्‍त‍ि अर्जित कर उसने शहर में कई जगह जमीन भी खरीदी है।गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज होने पर सात माह पहले तत्कालीन डीएम ने रणधीर सिंह की 72 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ती जब्त कर दी थी।एक सप्ताह बाद रखरखाव के लिए प्रशासन ने होटल, रेस्टोरेंट व दुकानों पर लगा ताला खोल दिया। लेकिन कुर्की का आदेश वापस नहीं लिया। रख रखाव की जिम्मेदारी मिलने के बाद रणधीर ने होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज हाल की बुकिंग शुरु कर दी।
संपत्ती कुर्क होने के बाद भी निर्माण कार्य शुरु कर दिया।स्थानीय महिला की शिकायत पर जिलाधिकारी विजय किरन आनन्द ने रणधीर को नाेटिस भेजकर आय का स्त्रोत पूछने के साथ ही निर्माण कार्य रोकने को कहा।लेकिन उसने नोटिस का जवाब नहीं दिया और निर्माण कार्य भी जारी रखा। वर्ष 2016 में राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से प क के द्वारा कम रकबा को 33 / 39 कर वरिष्ठ अधिकारियों को फॉर्च्यूनर इनोवा गिफ्ट करते हुए मुकदमे का रुख अपने पक्ष में कराते हुए मूल  काश्तकार क्रिस्चियन की संपत्तियों को दलालों की मिलीभगत से कूट रचित तरीके से खेल करते हुए प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम रणधीर सिंह द्वारा किया जाता रहा लेकिन सत्यता कभी छुप नहीं सकती एक न एक दिन काला चिट्ठा शासन प्रशासन और समाज के सामने उजागर होना ही था अभी भी पर्दे के पीछे बहुत कुछ बाकी है सत्यता सामने आने के बाद रणवीर सिंह के पांव से जमीन पूरी खिसक जाएगी दीन दुखियों गरीबों  ने भगवान पर भरोसा किया तो उसे ऊपरवाला न्यायोचित न्याय जरूर देगा उसका लक्षण भी धीरे-धीरे दिखाई देने लगा है क्योंकि निवर्तमान जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन के निर्देशन पर
27 अप्रैल 2021 को रणधीर सिंह के रुद्रालान,रेस्टोरेंट व काम्पलेक्स को गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया गया था।आदेश के खिलाफ वह कोर्ट चला गया।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी लेकिन जब्त संपत्ती के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया।बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन ने संपत्ती का रखरखाव करने के लिए ताला तो खोलवा दिया लेकिन कुर्की का आदेश बरकरार रखा। कोर्ट व प्रशासन से राहत मिलने के बाद रणधीर ने मनमानी शुरु कर दी।होटल, रेस्टोरेंट चालू करने के साथ ही निर्माण कार्य शुरु करा दिया जिसका खामियाजा रणवीर सिंह को भुगतना पड़ा और आगे उन गरीब और बेसहारा लोगों को न्यायोचित न्याय मिलने की उम्मीद जगी है  सत्यता सबको मालूम है अंत में अंजाम क्या होना है।

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