गोरखपुर: सीलिंग की जमीन को भूमाफिया द्वारा बेचने की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहा है, जिससे कोई भी सीलिंग या नजूल की जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। जिले में मौजूद सीलिंग एवं नजूल की सभी जमीन की सूची तैयार की जा रही है और सभी रजिस्ट्री (निबंधन) कार्यालयों में उसका डाटा फीड कराया जाएगा। रजिस्ट्री के दौरान संबंधित खाता संख्या से यह पता चल जाएगा कि जमीन सीलिंग या नजूल की तो नहीं है।
रजिस्ट्री नहीं करा सकेंगे सीलिंग व नजूल की जमीन
शहर क्षेत्र में कुछ लोगों ने जमीन खरीदी थी। जमीन की रजिस्ट्री तो हो गई लेकिन नामांतरण नहीं हो पाया। जांच में पता चला कि उन्हें नजूल एवं सीलिंग की जमीन बेच दी गई है। बहरामपुर में भी इसी तरह का मामला प्रकाश में आया था। कुछ दिन पहले ही फर्जी दस्तावेज के सहारे सीलिंग की जमीन बेचने वाले छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रजिस्ट्री करने से नहीं कर सकते इनकार
रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री कराने जाने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकारी रजिस्ट्री से मना नहीं कर सकते हैं। चार घंटे के भीतर रजिस्ट्री करनी ही होती है। समय-समय पर प्रशासन की ओर से जब कुछ खाता संख्या की रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाती है तो रजिस्ट्री कार्यालय में उसको लेकर सतर्कता बरती जाती है। डाटा फीड होने के बाद वहां के कर्मचारी रजिस्ट्री पेपर देखकर आसानी से जान सकेंगे कि जिस जमीन की रजिस्ट्री हो रही है वह सरकारी तो नहीं।
सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी सूची, आनलाइन हो सकेगी जांच
जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा। सीलिंग एवं नजूल की जमीन के बारे में रजिस्ट्री कार्यालयों को भी जानकारी दी जाएगी। जानकारी उपलब्ध होने से फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने पर रोक लग सकेगी।
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